Haryana Dalit Atrocity : हरियाणा की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। जिसमें हरियाणा के चर्चित वकील रजत कलसन दो युवाओं से सवाल पूछते हुए नज़र आ रहे हैं। इस वीडियो में दोनों युवा कह रहें है कि पूरी बस्ती पीने के पानी के लिए मोहताज़ है। पानी लाने के लिए 6 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। इस वीडियो को देखने के बाद दलित टाइम्स की पत्रकार सुषमा तोमर ने एडवोकेट रजत कल्सन से फोन पर बात की जिसमें उन्होंने बताया कि यह वीडियो कोई मामूली वीडियो नहीं है बल्कि हरियाणा सरकार और प्रशासन की लापरवाही और नाकामी का सबूत है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा के मदनहेड़ी गांव जो नारनौंद विधानसभा में पड़ता है वहाँ जाट समाज और दलित समाज में संघर्ष हैं। जाटों ने मिलकर दलितों का सामाजिक बहिष्कार किया हुआ है। जिसकी वजह से गांव के सभी वाल्मीकि परिवार अपनी मूलभूत चीज़े के लिए मोहताज हैं। उन्हें ना केवल पानी बल्कि खाने पीने का सारा सामान दूसरे गांव या दूसरी जगहों से लाना पड़ रहा है। रजत कल्सन ने बताया कि मदनहेड़ी गांव में कुल 80 वाल्मीकि परिवार रहते हैं।
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जब हमने उनसे पूछा कि ये संघर्ष किस बात को लेकर है तो वकील रजत कल्सन ने बताया कि हरियाणा विधानसभा चुनावों के वक्त नारनौंद विधानसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार जस्सी पेटरवार थे जो की अब वहाँ विधायक भी हैं। जस्सी जाट समुदाय से हैं और वो चुनाव लड़ रहे थे तो मदनहेड़ी गांव में जाटों ने दलितों से जस्सी को वोट करने की बात कही थी। जाटों की इस बात पर दलित युवक रविंद्र ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि वो अपने मन से वोट करेंगे किसी के दबाव में नहीं। इसके बाद जाटों ने दलित युवक रविंद्र की बेरहमी से पिटाई की जब दलितों ने इस पर मुकदमा दर्ज करवा दिया तो जाटों ने दलितों पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया। दलितों ने मुकदमा लेने से मना कर दिया जिसके बाद जाटों ने 80 दलित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया।
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अब इस मामले को लेकर वकील रजत कलसन ने आवाज उठाई है। वकील ने बताया कि पुलिस मामले में शिकायत देने के बाद भी ढिलाई बरत रही है। वहीं दलितों पर जाटों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि गांव की पंचायत और VDO ने सभी दलित परिवारों की जमीनों को अवैध बताते हुए उन्हें नोटिस थमा दिया है। दलितों से लगातार जमीन खाली करने की मांग की जा रही है वहीं इस गांव में जाट भी बड़ी तादाद में हैं और उसी जमीन पर रह रहें है लेकिन उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया। रजत कल्सन ने इस पूरे मामले पर सरकार, प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि जिस उम्मीदवार को वोट देने को लेकर यह पूरी घटना हुई वो अब वहाँ का विधायक है लेकिन दलितों की कोई सुनवाई नहीं है अब वो इस केस को अदालत तक के लेकर जाएंगे।