हंसराज कॉलेज में गो संवर्धन केंद्र खोलने पर छात्रों में नाराज़गी कहा – गर्ल्स हॉस्टल की जगह पर खोली गई गोशाला

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दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में गो संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र खोले जाने छात्रों ने मुहीम शुरू कर दी है। छात्रों का कहना है कि गर्ल्स हॉस्टल की जगह पर गोशाला खोली गई है। जबकि कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. रमा शर्मा ने इस आरोप को सिरे से ख़ारिज कर दिया है और कहा कि अनुसंधान केंद्र का हॉस्टल की जगह से कोई लेना-देना नहीं है।

छात्रों का कहना है कि गोशाला हटाने को लेकर अभियान शुरू करने के साथ हॉस्टल बनाने की मांग की जाएगी।छात्रों ने गोशाला खोलने का आरोप लगाते हुए एसएफआई यूनिट ने अनुसंधान केंद्र के खिलाफ विरोध जताने का फैसला लिया है जिसके साथ छात्रों ने ऑनलाइन अभियान शुरू भी कर दिया है। छात्रों का आरोप है कि गर्ल्स हॉस्टल के लिए आरक्षित जगह पर अनुसंधान केंद्र के रूप में गोशाला खोली गई है। एक तरफ जंहा छात्राओं को हॉस्टल की अभी ज्यादा ज़रूरत है उस जगह गोशाला खोलने की क्या आवश्यकता थी।

कॉलेज की प्रो. रमा के अनुसार, गाय रखने से हॉस्टल के बच्चों के लिए शुद्ध दूध की भी व्यवस्था होगी और साथ भविष्य में बायो गैस प्लांट भी लगाया जा सकता है। कॉलेज प्रशासन का कहना है जमीन के जिस छोटे हिस्से को हॉस्टल बनाने के लिए उपयुक्त नहीं जा सकता था उसी पर अनुसंधान केंद्र बनाया गया हैं।

छात्रों का कहना है कि बिना सुचना के जब कॉलेज बंद थे उस वक्त गौशाला को बनाया गया है। जबकि काफी समय से गर्ल्स हॉस्टल की मांग की जा रही थी उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया।दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर आभा देव हबीब ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।उन्होंने कहा कि इस तरह से गर्ल्स हॉस्टल की जगह पर गौशाला का निर्माण न केवल गलत बल्कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।

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