गुरुग्राम के ओमनगर कॉलोनी में रहने वाले युवक संजय तंवर की पुलिस हिरासत में संदिग्ध अवस्था में मौत हो गयी। दरअसल संजय उम्र 42 वर्ष का 20 हजार रुपये का चेक बाउंस हो गया था। इस मामले में शिवाजी नगर थाने में मामला दर्ज था
परिजनों के अनुसार पुलिस सिविल ड्रेस में बिजली विभाग के कर्मचारी बनकर संजय के घर गयी और उसे किसी बहाने थाने ले गयी । पुलिस संजय को 12 बजे के लगभग अपने साथ ले गयी जबकि 3 घंटे बाद परिजनों के पास पुलिस के पास फ़ोन आता है की संजय की तबियत खराब हो गयी है।
मृतक की माँ चंद्रावती ने अपने बेटे की हत्या की आशंका जताते हुए कहा की पुलिस सिविल ड्रेस में मेरे बैठे को घर से ले गयी जहा थाने में उसकी तबियत ख़राब होने के बाद उसे निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। हालत में सुधार नहीं होने पर उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल ले जाया गया जहा उपचार के दौरान संजय की मौत हो गयी है। एसीपी क्राइम के अनुसार मामले की जांच चल रही है।
मृतक की माँ चंद्रावती ने आरोप लगाया है की सादे कपड़ो में पुलिसवाले बिजली विभाग के अधिकारी बनकर आये और उनके बेटे संजय हत्या की आशंका जताते हुए परिजनों ने दिल्ली पुलिस से पोस्टमार्टम कराने की मांग की है। परिजनों की मांग के आधार पर दिल्ली पुलिस,गुरुग्राम पुलिस की देखरेख में गुरुवार को शव का पोस्टमार्टम कराएगी।
जब इस बारे में हमने मृतक के साले प्रिंस से बात की तो उन्होंने बताया की गुरुग्राम पुलिस और दिल्ली पुलिस एक दूसरे के संबंधित थाना क्षेत्र का केस बताते हुए मामले को लापरवाही पूर्वक ले रहे थे जिससे मृतक का समय पर पोस्टमार्टम भी नहीं हो पाया। जिसके बाद गुरुग्राम पुलिस की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम किया गया। उन्होंने कहा की जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में पुलिस से जानकारी चाहते है तो वे फ़ोन नहीं उठाते है और न ही कोई जानकारी देते है। अब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट का न आना भी पुलिस की कार्यप्रणाली को संदेह के घेरे में खड़ा करता है।
मृतक के परिजनों ने पुलिस हिरासत में हत्या की आशंका जताते हुए उचित कार्यवाही की मांग की है।
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