“दलित समाज का गांधी परिवार ने किया अपमान”, खरगे को प्रियंका के नामांकन के दौरान कमरे से बाहर रखा गया, बीजेपी का आरोप

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भाजपा ने प्रियंका गांधी के नामांकन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को कमरे से बाहर इंतजार कराने पर कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि गांधी परिवार ने खरगे का अपमान कर दलित समाज के प्रति अपनी घृणा दिखाई है। वहीं, कांग्रेस ने इसे प्रशासनिक नियमों का पालन बताते हुए भाजपा पर झूठ फैलाने और साजिश रचने का आरोप लगाया है।

Politics: प्रियंका गांधी के केरल के वायनाड लोकसभा सीट से उपचुनाव के लिए नामांकन भरने के दौरान एक घटना ने राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया। भाजपा ने कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है, जबकि कांग्रेस ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया। इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे नामांकन के दौरान कमरे के बाहर इंतजार करते नजर आए। भाजपा ने इस घटना को दलित अपमान का प्रतीक बताते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला किया।

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क्या है वीडियो में?

भाजपा द्वारा साझा की गई वीडियो में दिखाया गया कि जब प्रियंका गांधी वाड्रा का नामांकन प्रक्रिया चल रही थी, उस वक्त मल्लिकार्जुन खरगे को कमरे से बाहर इंतजार करना पड़ा। वीडियो के कैप्शन में भाजपा ने लिखा, “आज जिस तरह से मल्लिकार्जुन खरगे जी को प्रियंका वाड्रा के नामांकन के समय कमरे से बाहर रखा गया, ठीक उसी तरह राहुल गांधी आरक्षण हटाने के बाद दलित समाज के लोगों को सम्मान और अवसरों से वंचित रखेंगे। अगर गांधी परिवार खरगे जी को ऐसे अपमानित कर सकता है, तो दलित समाज के प्रति इनके मन में कितनी घृणा होगी, ये समझा जा सकता है।”

भाजपा नेताओं का तीखा हमला

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा, “हमने दलितों की कांग्रेस में स्थिति दिखाई है। बाहर से राहुल गांधी दिखाते हैं कि कांग्रेस दलितों का समर्थन करती है, लेकिन अंदर से दलितों का अपमान किया जाता है। मल्लिकार्जुन खरगे के साथ जो हुआ, उसके बाद कहने के लिए कुछ नहीं बचता है। कांग्रेस बेनकाब हो गई है। कांग्रेस पार्टी में दलितों को तीसरे दर्जे का नागरिक माना जाता है और छुआछूत भी की जाती है।”

https://x.com/BJP4India/status/1849351209892876781?t=NbyFK0V7BXnTmlr1WMtsKQ&s=19

भाजपा नेताओं के इस आक्रामक रुख के बाद यह मुद्दा और गरमा गया। सोशल मीडिया पर भी इस वीडियो को लेकर कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच तीखी बहस छिड़ गई। भाजपा ने इसे दलित अपमान का बड़ा उदाहरण बताते हुए कांग्रेस की छवि को धूमिल करने की कोशिश की।

कांग्रेस का जोरदार पलटवार

भाजपा के आरोपों के जवाब में कांग्रेस ने भी पलटवार किया। कांग्रेस नेता प्रणव झा ने इसे झूठी साजिश बताते हुए कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग बीते 10 वर्षों से सत्ता में हैं, वे अभी भी झूठ और भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। वायनाड में नामांकन के दौरान जिलाधिकारी ने नियमों के तहत पांच से ज्यादा लोगों के कमरे में रहने की अनुमति नहीं दी थी। इसलिए, कमरे में जगह बनाने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य लोग बाहर इंतजार कर रहे थे। बाद में वे वापस कमरे में चले गए। यह पूरी तरह से प्रशासनिक नियमों के पालन का मामला था, लेकिन भाजपा इसे तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है।”

प्रणव झा ने आगे कहा कि भाजपा का यह कदम कांग्रेस को बदनाम करने और असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की एक साजिश है। उन्होंने भाजपा पर देश की असल समस्याओं से जनता का ध्यान हटाने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा केवल भ्रम फैलाकर अपनी राजनीति कर रही है।

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दलित मुद्दे पर राजनीति और साजिश

प्रियंका गांधी के नामांकन के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे के बाहर इंतजार करने की घटना ने दलित राजनीति के मुद्दे को फिर से उभार दिया है। भाजपा इसे कांग्रेस के दलित विरोधी चेहरे के रूप में पेश कर रही है, जबकि कांग्रेस इसे भाजपा की साजिश करार दे रही है। दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का यह सिलसिला 2024 के चुनावी समर में और भी बढ़ने की संभावना है, जहां दलित वोट बैंक को साधने के लिए ऐसी घटनाएं राजनीतिक एजेंडा का हिस्सा बन सकती हैं।

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