बिहार से शुरू हुआ रामचरितमानस का विवाद यूपी में आकर अब पोस्टर वॉर में बदल चुका है, लेकिन यहाँ मज़ेदार बात ये है कि इस पोस्टर वॉर में एकमात्र खिलाड़ी समाजवादी पार्टी है। बीते मंगलवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगा मिला जिसके ऊपर लिखा था कि, “गर्व से कहो हम शूद्र है।” हालांकि इस पोस्टर को लगाने वाली अखिल भारतीय कुर्मी क्षेत्रीय महासभा थी। इस पोस्टर में संगठन के राष्ट्रीय महासचिव ने अपने नाम के आगे डॉक्टर शूद्र उत्तम प्रकाश सिंह पटेल लिखवाया था।
वहीं अब शनिवार को लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर फिर से एक पोस्टर लगा हुआ है। जिस पर लिखा है कि, “गर्व से कहो हम ब्राह्मण हैं।” पोस्टर को लगवाने वाले समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता पंडित अवधेश शुक्ला हैं। पोस्टर में BJP को घेरने की कोशिश करते हुए लिखवाया गया है कि “गर्व से कहो हम ब्राह्मण हैं लेकिन बीजेपी ब्राह्मण विरोधी है। पोस्टर में आगे लिखा है कि हम रामचरितमानस का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि हम उस चौपाई में लिखे गलत शब्दों का विरोध कर रहे हैं।“
यूँ तो अखिलेश यादव मीडिया के सामने इस बात को कह चुके हैं कि वह शूद्र हैं और वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सदन में पूछेंगे कि, “मैं शूद्र हूं या नहीं” उन्होंने यह भी कहा कि “भाजपा और आरएसएस के लोग पिछड़ों और दलितों को शूद्र मानते है। बहरहाल, चल रहे विवाद के बीच सपा कार्यालय के बाहर इस तरीके के पोस्टर लगना ये बताता है कि रामचरितमानस विवाद पर सपा के भीतर भी दो मत हैं। एक खेमा “शूद्र विवाद” के साथ रामचरितमानस पर बहस बरकरार रख रहा है तो वहीं दूसरा खेमा “गर्व से कहो हम ब्राह्मण हैं” के साथ सेफ खेल रहा है। लेकिन यहाँ सवाल अखिलेश यादव के लिए खड़ा हो जाता है कि शूद्र से अब ब्राह्मण,किसके साथ हैं अखिलेश यादव ?
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