राजस्थान के राजसमंद में दलित दूल्हे को घोड़ी से उतार मारपीट करने वाले 11 दोषियों को 5-5 साल की सजा, 6 साल बाद मिला न्याय

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मामला राजस्थान के जिले राजसमंद का है जहां 6 साल पहले दलित वर्ग के दूल्हे को घोड़ी से उतारने और उसके साथ मारपीट करने के आरोप में 11 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अब इस मामले में न्यायाधीश ने दोषियों पर कारावास और जुर्माना लगाया गया है। जानते हैं पूरा मामला

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क्या था मामला ?

दरअसल राजस्थान के राजसमंद जिले में 19 अप्रैल 2018 को दलित वर्ग के दूल्हे को घोड़ी से उतार दिया था और उसके साथ मारपीट भी की गई थी। इस मामले में विशिष्ट लोक अभियोजक राजकिशोर ब्रजवासी ने बताया कि चंपालाल ने केलवाड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज की थी, जिसमें उसने बताया कि 19 अप्रैल, 2018 को उसके छोटे भाई भोलीराम की शादी थी। रात 11 बजे घर से बिंदोली (बंदोली) के लिए दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर डीजे के साथ रवाना किया इस दौरान उसके परिवार के अलावा रिश्तेदार और मित्र भी मौजूद थे। रात सवा 11 बजे खेड़ादेवी मंदिर के सामने चौराहे पर बिंदोली लेकर पहुंचे। इसी बीच पीछे से उमेशसिंह (ईश्वरसिंह) की बिंदोली आई जिसमें सभी शराब के नशे में थे. उनमें से 10-15 लोग दौड़कर उनकी बिंदोली को रोककर जातिसूचक गालियां देने लगे और कहने लगे कि तुम घोड़ी पर बिंदोली कैसे लेकर आए।

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दूल्हे के साथ मारपीट :

यह कहते हुए प्रताप सिंह, हिम्मत सिंह, हुकम सिंह ने दूल्हे के हाथ से तलवार खींच कर दूल्हे के सिर पर मारी, जिससे दूल्हे की पगड़ी नीचे गिर गई। फिर चारों ने दूल्हे को पकड़कर घोड़ी से नीचे पटक दिया और इसके बाद उसके साथ जमकर पिटाई की। इतना ही नहीं दूल्हे का गिरेबान पकड़कर उसके गले से सोने की चेन भी छिन ले गए। घटना के समय गोवर्धन व खुमाराम नाम के दो लोगों ने घोड़ी को पकड़ रखा था। आरोपियों ने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी मारपीट की और उन्हें जातिगत गालियां देकर अपमानित किया। इस पर पीड़ित किसी तरह से मौके से अपनी जान बचाकर भागे इस पर पुलिस ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

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अनुसूचित जाति (SC) / अनुसूचित जनजाति (ST) एक्ट में मामला दर्ज :

अब इस मामले में न्यायाधीश ने आरोपियों को 5 साल के कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, न्यायालय में विशिष्ट लोक अभियोजक राजकिशोर ब्रजवासी ने 24 गवाह व 25 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए। इसके बाद न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी हाजेला का वास, समीचा निवासी हिम्मत सिंह, किशन सिंह, राम सिंह, प्रताप सिंह, गोपाल सिंह, प्रेम सिंह, चैन सिंह, गणपत सिंह, भरत सिंह, फतेह सिंह व हुकुम सिंह को दोषी करार दिया। इसके साथ ही धारा 143, 323, 341, और धारा 3(1)(r)(s) (za) (B) ,3(2)(Va) अनुसूचित जाति (SC) / अनुसूचित जनजाति (ST) एक्ट के तहत 5 साल कारावास और 27,500 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।

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