राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सूरीनाम के अपने समकक्ष चंद्रिकाप्रसाद संतोखी से मुलाकात करते हुए उन्होंने रक्षा, कृषि, सूचना-प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मज़बूत करने के फैक्टर्स पर चर्चा किया गया। इसके साथ ही, दोनों पक्षों द्वारा स्वास्थ्य और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गए।
सूरीनाम द्वारा सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ग्रैंड ऑर्डर ऑफ द चेन ऑफ येलो स्टार’ से सम्मानित किया गया। मुर्मू पहली भारतीय हैं जिन्होंने इस पुरस्कार को प्राप्त किया है। मुर्मू को यह पुरस्कार सूरीनाम गणराज्य के उनके समकक्ष चंद्रिकाप्रसाद संतोखी द्वारा प्रदान किया गया है। सम्मान प्राप्त करने के बाद मुर्मू ने कहा कि यह सम्मान उनके लिए ही नहीं, बल्कि भारत के लोगों के लिए भी बहुत मायने रखता है।
राष्ट्रपति ने एक ट्वीट करते हुए में कहा, “मैं सूरीनाम के सर्वोच्च सम्मान ‘द ग्रैंड ऑर्डर ऑफ द चेन ऑफ येलो स्टार’ हासिल करने के लिए बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं। यह सम्मान न केवल मेरे लिए, बल्कि भारत के 1.4 अरब लोगों के लिए भी बेहद खास है, जिनका मैं प्रतिनिधित्व करती हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “‘मैं यह सम्मान भारतीय-सूरीनाम समुदाय की परंपरागत पीढ़ियों को भी समर्पित करती हूं, जिन्होंने हमारे दोनों देशों के बीच भाईचारें के संबंधों को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
मुर्मू द्वारा पुरस्कार भारतीय-सूरीनाम समुदाय की ‘लगातार चली आ रही पीढ़ियों’ को समर्पित किया गया।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सूरीनाम के अपने समकक्ष चंद्रिकाप्रसाद संतोखी से मुलाकात करते हुए उन्होंने रक्षा, कृषि, सूचना-प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मज़बूत करने के फैक्टर्स पर चर्चा किया गया। इसके साथ ही, दोनों पक्षों द्वारा स्वास्थ्य और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गए।
इसके साथ ही, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘भारत-सूरीनाम बहुआयामी सहयोग को नयी गति प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राष्ट्रपति संतोखी ने भारत-सूरीनाम साझेदारी को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।”
पिछले वर्ष जुलाई में, अपने पदभार ग्रहण को करने के बाद पहली बार तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर पहुंचीं मुर्मू को रविवार को सूरीनाम पहुंचीं मुर्मू का संतोखी ने यहां राष्ट्रपति भवन में गर्मजोशी से स्वागत किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने संतोखी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की।
राष्ट्रपति मुर्मू और राष्ट्रपति संतोखी ने इस कार्यक्रम में भी भाग लिया, जहां दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र में भारतीय लोगों के पहले समूह के आगमन पर आधारित था। है कि 452 भारतीय मजदूरों को लेकर पहला जहाज पांच जून, 1873 को सूरीनाम की राजधानी पारामारिबो पहुंचा था। इस जहाज पर सवार लोग ज्यादातर मजदूर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के थे।
इसके अलावा, राष्ट्रपति मुर्मू के कार्यालय ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘बाबा’ और ‘माई’ स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जो सूरीनाम में कदम रखने वाले पहले भारतीय पुरुष और महिला को दर्शाता है।”