केजरीवाल का नामांकन रद्द करने की मांग: आय विवरण, दोहरी वोटर पहचान और केस छुपाने का दावा

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भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल का नामांकन रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उनके आय विवरण में त्रुटियां हैं, वे दो जगहों के वोटर हैं, और अपने खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी छुपाई है। हालांकि, चुनाव आयोग ने जांच के बाद केजरीवाल का नामांकन वैध ठहराते हुए स्वीकार कर लिया।

Delhi Politics: दिल्ली विधानसभा चुनाव की नई दिल्ली सीट पर इस बार मुकाबला बेहद रोचक और विवादों से भरा हुआ है। भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नामांकन पर सवाल उठाए जाने के बाद सियासी माहौल गरमा गया। भाजपा की ओर से केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए गए, जिनमें आय के ब्योरे में त्रुटियां, दो जगहों से मतदाता होने का दावा, और आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाने का मुद्दा शामिल है। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए केजरीवाल का नामांकन वैध ठहराया। इस फैसले के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं, जिससे दिल्ली की राजनीति में नए मोड़ देखने को मिल रहे हैं।

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प्रवेश वर्मा का आरोप: केजरीवाल का नामांकन नियमों का उल्लंघन

भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने अपने वकील साकेत गुप्ता के माध्यम से नई दिल्ली सीट के रिटर्निंग ऑफिसर को शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने अपने नामांकन में कई खामियां छोड़ी हैं। वर्मा का दावा था कि केजरीवाल ने अपनी आय का ब्योरा गलत तरीके से प्रस्तुत किया है, जो निर्वाचन प्रक्रिया के नियमों का सीधा उल्लंघन है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल अभी भी उत्तर प्रदेश के मतदाता हैं, जो कि एक ही समय में दो स्थानों पर वोटर बनने के नियम के खिलाफ है। इसके अलावा, वर्मा ने यह आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई है। भाजपा ने इस मामले को प्रमुख मुद्दा बनाते हुए चुनाव आयोग से मांग की कि केजरीवाल का नामांकन तत्काल प्रभाव से खारिज किया जाए।

चुनाव आयोग का फैसला और विपक्ष का हमला

चुनाव आयोग ने प्रवेश वर्मा के आरोपों की जांच के बाद अरविंद केजरीवाल के नामांकन को सही पाया और उसे स्वीकार कर लिया। आयोग के इस फैसले से भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों ने असंतोष जाहिर किया। भाजपा ने इसे “चुनाव प्रक्रिया का मजाक” करार देते हुए कहा कि आयोग ने आप सरकार के दबाव में काम किया है। कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने भी चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग ने पूरी जांच नहीं की और यह फैसला आप के पक्ष में जाकर लोकतांत्रिक मूल्यों को ठेस पहुंचाता है।

नई दिल्ली सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष की तैयारी

अब जब अरविंद केजरीवाल, प्रवेश वर्मा और संदीप दीक्षित तीनों के नामांकन स्वीकार कर लिए गए हैं, तो नई दिल्ली सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है। भाजपा ने इस मुद्दे को भुनाने के लिए चुनाव प्रचार तेज कर दिया है और “आप की पारदर्शिता” पर सवाल उठाए हैं। वहीं, कांग्रेस ने आप और भाजपा दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये दोनों पार्टियां केवल जनता को भ्रमित करने का काम कर रही हैं और असली मुद्दों से ध्यान भटका रही हैं।

“केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया”: भाजपा का प्रहार

भाजपा ने इस पूरे विवाद के जरिए आप सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल ने पिछले पांच वर्षों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। भाजपा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पारदर्शिता और ईमानदारी के नाम पर जनता को धोखा दिया है। पार्टी ने दिल्ली के बिजली, पानी, और स्वास्थ्य के मुद्दों पर भी आप सरकार को घेरा। भाजपा नेताओं ने कहा कि केजरीवाल केवल चुनावी स्टंट में माहिर हैं, जबकि उनकी नीतियां दिल्ली के आम आदमी के लिए विफल रही हैं।

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कांग्रेस का दावा: आप और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू

कांग्रेस ने भी इस विवाद का फायदा उठाते हुए दोनों दलों को कटघरे में खड़ा किया। कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने कहा कि “आप और भाजपा में कोई अंतर नहीं है। दोनों पार्टियां केवल आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करती हैं और जनता के असल मुद्दों से भागती हैं।” कांग्रेस ने केजरीवाल पर जनता के साथ किए गए वादों को न निभाने का आरोप लगाया, जैसे महिला सुरक्षा, बेरोजगारी, और सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार।

नई दिल्ली सीट का भविष्य

नई दिल्ली सीट पर मुकाबला अब आर-पार की लड़ाई में बदल चुका है। जहां भाजपा के प्रवेश वर्मा के आरोपों ने सियासी माहौल गर्म कर दिया है, वहीं कांग्रेस के संदीप दीक्षित ने आप और भाजपा दोनों के खिलाफ जनसमर्थन जुटाने का प्रयास शुरू कर दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन विवादों के बीच दिल्ली की जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है।

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