Delhi Election 2025: अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव आयोग और पुलिस में शिकायत दर्ज़, जानें मामला

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दिल्ली चुनाव 2025 में नई दिल्ली सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। वर्मा ने दावा किया कि केजरीवाल ने वोटरों को प्रभावित करने के लिए ईस्ट किदवई नगर में आरडब्लूयए को अवैध रूप से कुर्सियां वितरित कीं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में नई दिल्ली सीट सबसे अधिक चर्चा में है। इस सीट पर आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। यह मुकाबला न केवल राजनीतिक बल्कि व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप के कारण भी सुर्खियों में है।

आरोपों के साए में केजरीवाल और वर्मा

बीजेपी प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप लगाया है। वर्मा ने चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए दावा किया कि 19 जनवरी को केजरीवाल ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को ईस्ट किदवई नगर में आरडब्लूयए (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) को कुर्सियां वितरित करने के लिए भेजा। यह कदम मतदाताओं को लुभाने और प्रभावित करने के उद्देश्य से उठाया गया, जो सीधे-सीधे आचार संहिता का उल्लंघन है। बीजेपी ने इसे “अवैध और अनैतिक चुनावी प्रलोभन” करार दिया।

जूते और सम्मान का मामला

हालांकि, यह चुनावी लड़ाई एकतरफा नहीं है। आम आदमी पार्टी ने प्रवेश वर्मा पर भी आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया है। आप ने दावा किया कि प्रवेश वर्मा ने वाल्मीकि मंदिर में मतदाताओं को जूते वितरित किए। इस पर मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज हुई। वर्मा ने सफाई दी कि उन्होंने “जूते वितरित नहीं किए, बल्कि सफाई कर्मचारियों के पैरों में जूते पहनाकर उनका सम्मान किया।” यह घटना भाजपा के “सांस्कृतिक सम्मान अभियान” और “राजनीतिक प्रलोभन” के बीच बहस का मुद्दा बन गई।

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त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस की एंट्री

इस बार कांग्रेस ने नई दिल्ली सीट से संदीप दीक्षित को उम्मीदवार बनाया है। संदीप, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं, जो दिल्ली की राजनीति में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। हालांकि कांग्रेस पिछले चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी, लेकिन संदीप दीक्षित को इस बार “पुरानी दिल्ली का अनुभव” और “परिवार की विरासत” के जरिए मुकाबला जीतने की उम्मीद है।

आम आदमी पार्टी की गिरती पकड़

2020 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। केजरीवाल पर विपक्ष ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने जनता के पैसे का दुरुपयोग किया और वादों को पूरा करने में विफल रहे। बिजली और पानी के मुफ्त योजनाओं के नाम पर भारी कर्ज का बोझ दिल्ली पर डालने के आरोप भी उन पर लगाए गए हैं। प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल सरकार को “वादों की सरकार, परिणामों से खाली” बताया।

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5 फरवरी को होगा मतदान, 8 को परिणाम

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को परिणाम घोषित किए जाएंगे। बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच इस बार का मुकाबला न केवल सीटों के लिए है, बल्कि यह तय करेगा कि दिल्ली की जनता किसे “राजनीतिक भरोसे” का ताज पहनाती है। वहीं कांग्रेस भी अपनी खोई जमीन को वापस पाने की कोशिश में लगी है।

नई दिल्ली सीट, जो हमेशा से राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रही है, इस बार एक ऐसा रणक्षेत्र बन गई है जहां हर पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। आरोप-प्रत्यारोप, व्यक्तिगत हमले और रणनीतिक प्रचार ने इसे दिल्ली चुनाव का सबसे विवादित और दिलचस्प चुनावी क्षेत्र बना दिया है।

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