मिर्जापुर के धौहा गांव में वर्षों से चले आ रहे भूमि विवाद में दो पक्षों के बीच मारपीट में 70 वर्षीय दलित राम अचल की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी और कई अन्य लोग घायल हो गए। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मिर्जापुर जिले के चुनार क्षेत्र के धौहा गांव में वर्षों से चले आ रहे भूमि विवाद ने मंगलवार को एक परिवार के लिए तबाही ला दी। 70 वर्षीय दलित राम अचल की जमीन के विवाद में हुए मारपीट के बाद उपचार के दौरान मौत हो गई, जबकि उनकी 65 वर्षीय पत्नी किशमिशा देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं और उन्हें वाराणसी के बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। विवाद में मृतक के 50 वर्षीय पुत्र रामबली भारती का पैर टूट गया, और 45 वर्षीय रविचंद को सिर में गंभीर चोटें आई हैं। इसके अलावा, परिवार के अन्य सदस्य अर्चना देवी, मीना देवी, और अजीत कुमार भी इस हिंसा में घायल हुए हैं।
इस घटना का दूसरा पक्ष भी संघर्ष में पीछे नहीं रहा, जिसमें चुनार के बहरामगंज निवासी प्रांजल गुप्ता, संतोष गुप्ता, और प्रदीप चौहान घायल हुए, जिनका उपचार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) चुनार में कराया गया।
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मारपीट और भूमि विवाद: विवाद की जड़ें और घटनाक्रम
मृतक के पुत्र रविचंद की तहरीर पर पुलिस ने 11 नामजद व्यक्तियों समेत अन्य अज्ञात पर गैर इरादतन हत्या और मारपीट का मुकदमा दर्ज किया है। रविचंद ने आरोप लगाया कि चुनार के बहरामगंज के राजकुमार गुप्ता और उनके सहयोगी काजू गुप्ता, गोलू गुप्ता, उजाला गुप्ता, शुभम गुप्ता सहित धौहा के छांगुर और पन्ना, तथा बल्लीपुर के पप्पू बीडीसी ने एक संगठित गिरोह बनाकर उनके पुश्तैनी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। अज्ञात बोलेरो और दोपहिया वाहनों पर सवार यह गिरोह लाठी, डंडा, हंसुआ और फावड़ा लेकर उनके घर पर धावा बोला और उनके परिवार पर जानलेवा हमला किया।
दो व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ
घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय अधिकारी (सीओ) मंजरी राव, प्रभारी निरीक्षक रवींद्र भूषण मौर्या, और कजरहट चौकी प्रभारी आशुतोष सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने इस हिंसक घटना की गंभीरता को देखते हुए चुनार, अदलहाट, जमालपुर और राजगढ़ थानाध्यक्षों को जांच में लगाया है। अब तक दो व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, और आगे की जांच जारी है। एएसपी ऑपरेशन ओपी सिंह ने बताया कि राम अचल और राजकुमार गुप्ता के बीच लंबे समय से भूमि विवाद चल रहा था। घटना के दो दिन पहले भी दोनों पक्षों के बीच इसी विवाद को लेकर झगड़ा हुआ था, जब राम अचल की ओर से विवादित जमीन पर जोताई की कोशिश की गई थी।
मायावती का दुख व्यक्त, न्याय की मांग
इस हृदय विदारक घटना पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि मिर्जापुर के धौहा गांव में दबंगों द्वारा एक दलित परिवार पर किए गए इस हमले में एक बुजुर्ग की मौत और कई अन्य लोगों के घायल होने की घटना बेहद दुखद और निंदनीय है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवार को हर संभव मदद मुहैया कराई जाए।
वर्षों से चला आ रहा विवाद
धौहा गांव की इस विवादित जमीन की कहानी वर्षों पुरानी है। राम अचल के पास लगभग साढ़े तीन बीघा जमीन है, जबकि बहरामगंज के राजकुमार गुप्ता के पास सवा बीघा भूमि है। दोनों की जमीन एक ही मिल-जुमला नंबर में है, जिसको लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इस जमीन पर अदालत द्वारा स्टे भी है। लेकिन दो दिन पहले राम अचल की ओर से विवादित जमीन पर जोताई की गई, जिससे राजकुमार गुप्ता ने विरोध दर्ज किया और पीआरवी को सूचना दी। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया था, लेकिन विवाद की चिंगारी बुझी नहीं और अंततः यह हिंसक रूप धारण कर गई। इस घटना ने क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है और स्थानीय लोगों में भय का माहौल है।
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