UP में दलित युवती के साथ छेड़छाड़ और मारपीट का मामला: न्याय की मांग तेज

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रबूपुरा के एक गांव में एक दलित युवती ने युवक पर छेड़छाड़ और मारपीट का गंभीर आरोप लगाया है। युवती के मुताबिक, आरोपी युवक ने पहले इंस्टाग्राम पर अश्लील टिप्पणी की थी। इसका विरोध करने पर वह अपने परिवार के साथ युवती के घर में घुस आया और मारपीट की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

रबूपुरा के एक गांव में एक दलित युवती के साथ हुई छेड़छाड़ और मारपीट की घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। युवती ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि गांव के एक युवक ने पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर उसे अश्लील टिप्पणियों और परेशान करने की हरकतें शुरू कीं। जब युवती ने इन हरकतों का विरोध किया, तो मामला और गंभीर हो गया। आरोपी युवक ने उसे धमकी दी और यह मामला सोशल मीडिया से निकलकर उसके घर तक पहुंच गया।

घर में घुसकर मारपीट और छेड़छाड़

युवती के अनुसार, आरोपी मयंक ने अपनी माँ, भाई और बहन के साथ मिलकर उसके घर में जबरन घुसकर उसके साथ मारपीट और छेड़छाड़ की। यह हमला तब हुआ जब युवती ने इंस्टाग्राम पर की गई अभद्र टिप्पणियों को लेकर युवक का विरोध किया। पीड़िता ने बताया कि परिवार ने उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, जिससे वह बेहद डरी और सहमी हुई है। युवती का कहना है कि यह हमला न केवल उसकी गरिमा पर आघात है, बल्कि यह समाज में दलित समुदाय के खिलाफ होने वाले उत्पीड़न का एक और उदाहरण है।

पुलिस में शिकायत और जांच शुरू

घटना के बाद पीड़िता ने तत्काल रबूपुरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी युवक मयंक और उसके परिवार के चार सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस के अनुसार, आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। रबूपुरा पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाएगी।

ग्रामीणों में आक्रोश, न्याय की मांग

इस घटना के बाद गांव में आक्रोश का माहौल है। युवती के समर्थन में स्थानीय दलित संगठनों और ग्रामीणों ने आवाज उठाई है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि समाज में दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों पर रोक लगाई जा सके।

पीड़िता की आपबीती

युवती ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा, “मैंने सिर्फ अपनी गरिमा की रक्षा के लिए आवाज उठाई थी। लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह विरोध इतना बड़ा रूप ले लेगा। उन्होंने मेरे साथ जो किया, वह न केवल मेरे लिए, बल्कि पूरे दलित समाज के लिए शर्मनाक है। मैं चाहती हूं कि उन्हें उनके कृत्यों की सजा मिले ताकि कोई और इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न करे।”

समाज में जागरूकता और बदलाव की जरूरत

यह घटना न केवल दलित समाज के साथ होने वाले उत्पीड़न की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर महिलाओं के साथ होने वाली बदसलूकी कैसे उनके असली जीवन को प्रभावित कर सकती है। यह समय है कि समाज में जागरूकता बढ़ाई जाए और ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाए।

आगे की कार्रवाई

पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। स्थानीय संगठनों और ग्रामीणों की मांग है कि मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाए ताकि पीड़िता को जल्दी न्याय मिल सके। पुलिस प्रशासन का कहना है कि दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाएगी।

न्याय के लिए संघर्ष जारी

युवती और उसके परिवार ने इस घटना के खिलाफ मजबूती से खड़े होने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, “हम डरेंगे नहीं। हम तब तक लड़ेंगे जब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा। यह लड़ाई सिर्फ हमारी नहीं है, बल्कि उन सभी दलितों और महिलाओं के लिए है, जो उत्पीड़न का शिकार होती हैं।”

समाज के लिए संदेश

इस घटना ने समाज में महिलाओं और दलित समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा की आवश्यकता को एक बार फिर रेखांकित किया है। जब तक समाज जातिवाद और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा नहीं होगा, ऐसे अपराध होते रहेंगे। यह घटना एक चेतावनी है कि अब समय आ गया है कि हम सभी एक बेहतर और समान समाज के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाएं।

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