बसपा अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को विरोधी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा है, उन्होंने कहा विरोधी पार्टियों की जनविरोधी चाल, चरित्र, चेहरा एवं दोमुहापन एक बार फिर से चुनाव आते ही सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह पार्टिया धार्मिक-जातीय भेदभाव व नफरती बातें करके वोट माँग रहे हैं जो बिलकुल भी ठीक नहीं है।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर कहा कि “यूपी चुनाव में विरोधी पार्टियों का जनविरोधी चाल, चरित्र, चेहरा एवं दोमुहापन पुनः उजागर। वे रोजी-रोजगार, बेरोजगारी व महंगाई आदि की पहाड़ जैसी समस्याओं को दूर कर अच्छेदिन की बात नहीं बल्कि धार्मिक-जातीय भेदभाव व नफरती बातें करके वोट माँग रहे हैं, जो कतई भी अचित नहीं है ”
2. यूपी की जनता ने पहले सपा और फिर भाजपा की सत्ता के पिछले 10 साल जंगलराज, अराजकता, अहंकार, जातीय व धार्मिक द्वेषपूर्ण भेदभाव आदि के बहुत संकट भरे गुजारे हैं। इसीलिए अब इनके किसी भी लुभावने वादों एवं बहकावों आदि में नहीं आएं तो बेहतर। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) January 29, 2022
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि “यूपी की जनता ने पहले सपा और फिर भाजपा की सत्ता के पिछले 10 साल जंगलराज, अराजकता, अहंकार, जातीय व धार्मिक द्वेषपूर्ण भेदभाव आदि के बहुत संकट भरे गुजारे हैं। इसीलिए अब इनके किसी भी लुभावने वादों एवं बहकावों आदि में नहीं आएं तो बेहतर।”
बता दे कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को भाजपा और समाजवादी पार्टी पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को सांप्रदायिक और जातिवादी रंग देने का आरोप लगाया था। बसपा सुप्रीमो ने एक ट्वीट जनता को सचेत रहने का आग्रह भी किया।
यूपी विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से धर्म व जाति की राजनीति हावी है व मीडिया में भी ऐसी ख़बरें भरी पड़ी रहती हैं उससे ऐसा लगता है कि यह सब सपा व बीजेपी की अन्दरुनी मिलीभगत के तहत ही हो रहा है और वे चुनाव को हिन्दू-मुस्लिम व जातीय नफरती रंग देना चाहती हैं। जनता सतर्क रहे।
— Mayawati (@Mayawati) January 28, 2022
यूपी विधानसभा चुनाव में जिस तरह से धर्म और जाति की राजनीति हावी है और मीडिया भी ऐसी खबरों से भरा पड़ा है, ऐसा लगता है कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि चुनाव को हिंदू-मुस्लिम और जातिवादी लाइन पर नफरत का रंग देने के लिए बीजेपी और सपा मिलीभगत कर रही हैलोगों को सतर्क रहने की जरूरत है, ”उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा।
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