बहुजन पार्टिया खासतौर पर बहुजन समाज पार्टी व चंद्रशेखर की नई नवेली आजाद समाज पार्टी ने सोशल मिडिया पर भोकाल मचा रखा है। बसपा जहा आंदोलन व सामाजिक मूवमेंट से उपजी पार्टी है तो वही चंद्रशेखर के पास भी युवाओ का एक मजबूत संगठन भीम आर्मी है।
बसपा देश की तीसरी नंबर की राष्ट्रीय पार्टी है जबकि आजाद समाज पार्टी राजनीती में स्थापित होने के लिए संघर्ष कर रही है।
वैसे हम यहाँ दोनों पार्टियों की तुलना नहीं कर रहे है, बल्कि ये बता रहे है की इन दोनों ही पार्टियों ने कुछ दिनों से सोशल मिडिया पर भूचाल मचा रखा है। मेनस्ट्रीम मिडिया हमेशा से बसपा को इस बात से नजरअंदाज करते आयी है की बसपा सोशल मिडिया पर नहीं है जबकि राजनीतिक विश्लेषक इस बात को अच्छी तरह से जानते है की बसपा का अपना एक स्थायी कोर वोट बैंक है जो जमीं पर सक्रिय रहता है। वैसे विरोधी भी दबी जुबान से ये कहते है की बसपा का वोटर साइलेंट रहता है और वो चुनाव आने पर ही अपने वोट की ताकत बताता है। वैसे बसपा 2007 में तो शोसल मिडिया पर बिलकुल भी नहीं थी न उसके कार्यकर्ता फिर भी राजनीतिक पंडितो की भविष्यवाणी को गलत अबित करते हुए बसपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर सभी को झटका दे दिया था।
बसपा व चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी अब सक्रिय तौर पर शोसल मिडिया का बखूबी इस्तेमाल कर रही है। यूपी चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से तो दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओ ने ट्विटर पर बवाल काट करके रखा हुआ है।
आज सुबह से ही बहुजन समाज के पार्टी के कार्यकर्ताओं ने #onesmorebsp तो शाम होते-होते आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओ ने #गोरखपुरमांगेचंद्र्शेखर ट्रेंड करवा दिया।
दोनों पार्टियों ने ही जमीन के साथ अब शोसल मिडिया में भी दमदारी से अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी है। वैसे भाजपा-कांग्रेस-सपा के तो अपने हाईटेक आईटी सेल , वार रूम है लेकिन बसपा-आसपा के कार्यकर्ता अपने दम पर ही इन आईटी सेल को पछाड़ रहे है।
हालाँकि ये तो 10 मार्च को पता चलेगा की लखनऊ की गद्दी पर कौन बैठेगा।
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