मायावती ने BJP और कांग्रेस पर चुनाव जीतने के लिए “जुगाड़ की राजनीति” करने और उनके घोषणापत्रों को छलावा बताकर जनता को सचेत रहने की अपील की है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मायावती ने इन दोनों दलों के चुनावी घोषणापत्रों को “छलावा” बताते हुए जनता को आगाह किया कि ये पार्टियाँ अपने असल कामों के बजाय चुनावी वादों और रेवड़ी बांटने की राजनीति में लगी हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस देश की मौजूदा समस्याओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए जुगाड़ की राजनीति कर रही हैं।
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गरीबों और बेरोजगारों की अनदेखी
मायावती ने कहा कि आज जब देश में गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, कृषि संकट, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों का जबरदस्त अभाव है, तब भी बीजेपी और कांग्रेस के नेता इन मुद्दों पर कोई ठोस काम करने के बजाय रेवड़ी बांटने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि आज आम जनता सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से जूझ रही है, पर इन मुद्दों को हल करने के बजाय बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं। मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले जनता से बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन आज वहां की जनता वादाखिलाफी का शिकार हो रही है।
चुनावी वादों पर निर्भरता, असली मुद्दों से भटकाव
मायावती ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए “जुगाड़ की राजनीति” कर रहे हैं और जनता को धर्म, जाति और सांप्रदायिकता के नाम पर बांटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बीजेपी सरकारों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये सरकारें असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ज्यादातर धार्मिक कार्यक्रमों और आयोजनों में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी “कर्म को धर्म नहीं मानती, बल्कि धर्म के नाम पर राजनीति करती है,” और यह बात जनहित के खिलाफ है।
बसपा का अलग दृष्टिकोण: घोषणापत्र की जगह ईमानदारी से काम
मायावती ने अपने और बसपा के दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी कभी भी जनता को गुमराह करने वाले घोषणापत्र जारी नहीं करती है। उन्होंने कहा, “बसपा का मानना है कि गरीबों, वंचितों, और बेरोजगारों के प्रति ईमानदारी से काम करना ही हमारा संवैधानिक कर्तव्य है।” मायावती ने दावा किया कि जब भी उनकी सरकार बनी है, बसपा ने जनहित और जनकल्याण के ऐतिहासिक कार्य किए हैं और उनके काम ही उनकी पार्टी का घोषणापत्र बनते हैं।
रेवड़ी नहीं, रोजगार की मांग
मायावती ने कहा कि आज लोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए रेवड़ी नहीं, बल्कि रोजगार की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि ये पार्टियाँ जनता को गुमराह करने के लिए मुफ्त सेवाओं और योजनाओं का लालच देती हैं, लेकिन इससे जनता की बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं होता। उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद बसपा सिर्फ और सिर्फ विकास और कल्याणकारी कार्यों पर ध्यान देती है, जिससे समाज के हर वर्ग को फायदा होता है। मायावती ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों का असली मकसद सिर्फ वोट हासिल करना है, लेकिन बसपा हमेशा लोगों के लिए वास्तविक काम करने में विश्वास रखती है।
जनता से अपील: छलावे से बचे, बसपा को समर्थन दें
मायावती ने जनता से अपील की कि वे बीजेपी और कांग्रेस के छलावे में न आएं और बसपा को समर्थन दें। उन्होंने कहा कि बसपा ही वह पार्टी है जो बिना किसी बड़े-बड़े वादों के, धरातल पर रहकर लोगों के हितों की रक्षा करने का काम करती है। मायावती ने कहा कि बसपा की नीति स्पष्ट और ईमानदार है, जिसमें वंचित वर्गों और गरीबों के लिए समानता और न्याय सुनिश्चित करने का संकल्प है।
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बसपा का “कर्म ही धर्म” का सिद्धांत
मायावती ने कहा कि “कर्म ही धर्म” के सिद्धांत पर चलते हुए, बसपा ने हमेशा जनता के हित में काम किया है और करती रहेगी। उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस की जुगाड़ और छलावे की राजनीति को जनता के साथ धोखा बताया और कहा कि बसपा ही एकमात्र पार्टी है जो जनहित और जनकल्याण के लिए पूरी ईमानदारी से कार्य करती है। मायावती ने इस बार चुनाव में जनता से अपील की कि वे बसपा का साथ दें और एक ऐसी सरकार का चयन करें जो उनकी असल जरूरतों को पूरा कर सके।
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