सबरीमाला में प्रवेश करने वाली दलित सामाजिक कार्यकर्ता बिंदू अम्मिनी पर कोझीकोड में हुआ हमला,हमलावर की हुई पहचान

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सामाजिक कार्यकर्ता बिंदू अम्मिनी पर गुरुवार 6 जनवरी को कोझीकोड में एक व्यक्ति ने हमला किया। उनका कहना हैं कि उन पर एक अज्ञात व्यक्ति ने हमला किया था और पूरे हमले को एक अन्य व्यक्ति ने कैमरे में कैद भी किया हैं। बिंदु अम्मिनी मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई जिसके बाद मामला दर्ज कर लिया गया और अपराधी की पहचान कर ली गई है। 2019 की अदालत के फैसले के बाद सबरीमाला में प्रवेश करने के बाद से बिंदू का नाम प्रमुखता से सामने आया था। तब से लेकर अब तक उन पर सार्वजनिक रूप से कई बार हमला किया जा चुका है।

आपको बता दे कि 6 जनवरी, 2022 को कोझीकोड समुद्र तट पर एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा कार्यकर्ता बिंदू अम्मिनी पर हमला किया गया हमला उस समय हुआ जब वह एक अदालती मामले के सिलसिले में कोझीकोड उत्तरी समुद्र तट पर पहुंची तो उस व्यक्ति ने उस पर हमला किया। हमलावर ने उन्हें धक्का दिया और जिससे उनका सर कंक्रीट के स्लैब से जा टकराया। उन्होंने बताया कि वहा एक अन्य व्यक्ति भी था, जो फोन पर पूरी घटना की रिकॉर्डिंग कर रहा था।

वेल्लायिल पुलिस ने घटना के संबंध में आईपीसी की धारा 509 (एक महिला के शील का अपमान करने का इरादा) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत शिकायत दर्ज की। उन्होंने यह भी कहा कि घटना से ठीक पहले लोगों के एक समूह ने उसकी पहचान की पुष्टि करने के लिए उससे संपर्क किया। वे उसका मजाक भी उड़ा रहे थे।यह पहली बार नहीं है जब बिंदू अम्मिनी पर हमला हुआ है।

उन्होंने कहा कि “मुझ पर अभी तक दस से अधिक बार हमला किया गया है। बड़ा हमला कमिश्नर ऑफिस के सामने हुआ। पिछले साल दिसंबर में भी हत्या की कोशिश हुई थी। कुछ घटनाओं में, मैंने बिना किसी लाभ के मामले दर्ज किए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार मुझे पहले से ही पुलिस सुरक्षा प्राप्त है उसके बाद भी लगातार हमले हो रहे हैं, कनक दुर्गा (एक अन्य कार्यकर्ता जिन्होंने सबरीमाला महिलाओं के प्रवेश विरोध में भाग लिया) को भी सुरक्षा प्राप्त है। ”

बिंदु अम्मिनी का कहना हैं कि “ केरल पुलिस केवल कनक दुर्गा को सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन मेरी दलित पहचान के कारण मुझे कोई सुरक्षा नहीं मिलती हैं, मेरी योजना किसी और देश में शरण लेने की है” ।हमलावर की पहचान अब केरल के कोझीकोड जिले के बेपोर के एक मछुआरे मोहनदास के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, हाथापाई के दौरान मोहनदास को भी चोटें आई हैं।

बिंदु अम्मिनी ने कहा कि “संघ परिवार ने सामान्य रूप से मुझ पर हमला करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस हमलावरों को बचा रही है। जिस व्यक्ति ने मुझ पर हमला किया है उस पर केवल जमानती अपराध का आरोप लगाया गया है। सबरीमाला की घटना के बाद से मुझे निशाना बनाया गया हैं , उनका कहना हैं कि उस समय उनके साथ कई लोगों ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की थी। लेकिन केवल मेरी दलित पहचान के कारण केवल मुझे ही निशाना बनाया जा रहा हैं।”

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