[3:58 pm, 16/12/2021] Sabiha Ansari: उतर प्रदेश में चल रहे 69000 शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में भीम आर्मी चीफ ने आंदोलनकारियो का समर्थन जताया हैं और आने वाले समय में शामिल होने की बात कही हैं उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर कहा ” यूपी सरकार की बहुजन विरोधी नीति के चलते 69000 शिक्षक भर्ती घोटाला हुआ। न्याय के लिए अभ्यर्थी लखनऊ इकोगार्डन में 180 दिनों से धरने पे बैठे हैं। अब अभ्यर्थियों ने भूख हड़ताल का निर्णय लिया। अगर अभ्यर्थीयो को कुछ हुआ इसकी ज़िम्मेदार यूपी सरकार होगी। जल्द आपके संघर्ष में शामिल हूंगा।”
यूपी सरकार की बहुजन विरोधी नीति के चलते 69000 शिक्षक भर्ती घोटाला हुआ। न्याय के लिए अभ्यर्थी लखनऊ इकोगार्डन में 180 दिनों से धरने पे बैठे हैं। अब अभ्यर्थियों ने भूख हड़ताल का निर्णय लिया। अगर अभ्यर्थीयो को कुछ हुआ इसकी ज़िम्मेदार यूपी सरकार होगी। जल्द आपके संघर्ष में शामिल हूंगा। pic.twitter.com/W5DcVSZs0U
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) December 16, 2021
बता दें कि, भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद पहले भी 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण की मांग कर रहे SC, ST, OBC छात्रों के बीच आंदोलन को मजबूत करने के लिए साथ देते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि, “छात्रों के साथ अन्याय हुआ है प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे इस अत्याचार को हम नहीं सहेंगे। आजाद समाज पार्टी छात्रों के संघर्ष में उनके साथ है।
आज उत्तर प्रदेश की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण की माँग को लेकर प्रदर्शन कर रहे SC, ST, OBC छात्रों के बीच उनके आंदोलन को समर्थन देने पहुँच चुका हूँ। अन्याय अत्याचार ओर अधिकारों के लिये हमारा संघर्ष जारी रहेगा। pic.twitter.com/9IE8QwDVOy
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) August 28, 2021
गौरतलब हैं कि 69000 शिक्षक भर्ती घोटाला बीते दो सालों से मझधार मे लटका हुआ हैं जिसको लेकर लगातारअभ्यार्थियों का प्रदर्शन चालू हैं, और इसी बीच अभ्यार्थियों ने आंदोलन के 179 वें दिन अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी हैं, 2019 में आयोजित की गई इस भर्ती प्रक्रिया को अभी तक पूरी तरह अंजाम ना दे पाना योगी सरकार की नाकामी है। अभ्यर्थियों ने इस भर्ती में घोटाले के भी आरोप लगाए हैं।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण की अनदेखी मानी है। आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. लोकेश कुमार प्रजापति की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत जिलावार सूची का उद्धरण यह दर्शाता है कि अनारक्षित उम्मीदवारों को आरक्षित उम्मीदवारों के बजाय नियुक्तियां दी गई हैं। चयन प्रक्रिया में आरक्षण नीति का घोर उल्लंघन हुआ है।
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