घटना 29 दिसंबर की हैं जब एक घर में अक्षय कुमार करगन्वी नामक व्यक्ति अपने परिवार के साथ अपने आवास पर वार्षिक प्रार्थना का आयोजन कर रहे थे, जब एक दक्षिणपंथी संगठन बजरंग दल के सात सदस्यों ने जबरन उनके घर मे घुस कर तोड़ फोड़ की और चल रही प्रार्थना को यह कह कर बाधित किया कि वे लोग धर्म परिवर्तन कर रहे थे।
हालांकि दक्षिणपंथी हिंदू संगठन से होने का दावा करने वाले पांच सदस्यों पर कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा के एक जिले बेलगावी में दलित परिवार पर कथित रूप से हमला करने और लूटने का मामला दर्ज किया गया है। पीड़ित परिवार का कहना हैं कि यह दावा करते हुए कि उनका परिवार धर्मांतरण में शामिल था, उनके पड़ोसियों ने भी कथित तौर पर परिवार की पिटाई की। शिकायत दर्ज कराने वाले अक्षय कुमार की पत्नी कविता ने कहा कि हमले में भारती व्यपारी नाम की एक महिला बुरी तरह से झुलस गई है।
घटप्रभा पुलिस ने 326 (खतरनाक तरीके से गंभीर चोट पहुंचाना, 354 (महिलाओं की शील भंग) और 392 (डकैती) और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
अक्षय का कहना है कि घटना के बाद जब वे लोग शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने गए तो पुलिस ने उनसे समझौता करने का आग्रह किया। अक्षय ने कहा, “उन्होंने जोर देकर कहा कि मुझे शिकायत दर्ज नहीं करनी चाहिए और कहा कि अगर मैं शिकायत दर्ज करता हूं, तो वे हमारे खिलाफ जवाबी शिकायत भी करेंगे।” अक्षय ने कहा, “हमें नहीं पता कि पुलिस ने इस घटना में हमारे खिलाफ मामला क्यों उठाया है।”
आपको बता दे कि पीड़ित परिवार के साथ मारपीट करने के बाद भी बजरंग दल के सदस्य ने उल्टा हत्या के मामले मे पीड़ित परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी हैं, शिकायतकर्ता पारसप्पा बाबू ने कहा कि उन्हें और उनके सहयोगियों को परिवार ने घेर लिया और मारपीट की। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि पुरुषों को कोई बाहरी चोट नहीं आई है। पारसप्पा बाबू ने कहा, “हमें आंतरिक रूप से चोटें आई हैं और हम घर पर ही इसका सम्भव ईलाज कर रहे हैं।”
आपको बता दे कि हाल ही में कर्नाटक के कुछ हिस्सों में इसी तरह की घटनाएं सामने आई हैं, खासकर राज्य सरकार द्वारा शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में एक धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित करने के बाद। हालांकि, इसे उच्च सदन में पारित किया जाना बाकी है।
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