टीना डाबी को हाल ही में बाड़मेर की कलेक्टर नियुक्त करते ही एक बार फिर वो चर्चा में आ गई हैं। इस नियुक्ति के बाद टीना की एक पुरानी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वह अंबेडकरवादी सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताती नजर आ रही हैं।
Dalit IAS : राजस्थान की चर्चित आईएएस अधिकारी टीना डाबी को 5 सितंबर की देर रात राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर का जिला कलेक्टर नियुक्त किया गया है। इससे पहले, वे जैसलमेर जिले की कलेक्टर थीं और वहां अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने बेहतरीन प्रशासनिक सेवाएं दी थीं।
पति-पत्नी दोनों ही अंबेडकरवादी है
टीना डाबी, जिन्हें हाल ही में बाड़मेर की कलेक्टर नियुक्त किया गया है, एक बार फिर चर्चा में हैं। उनके पति, आईपीएस अधिकारी प्रदीप गवांडे, जालौर के कलेक्टर हैं, और दोनों ही सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में कार्यरत रहे हैं। टीना और प्रदीप, दोनों अंबेडकरवादी विचारधारा के समर्थक हैं और जाति व्यवस्था के खिलाफ अपने विचार मुखर रूप से साझा करते हैं।
टीना की एक पुरानी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
इस नियुक्ति के बाद टीना की एक पुरानी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वह अंबेडकरवादी सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताती नजर आ रही हैं। यह वीडियो उनके समर्थकों के बीच काफी सराहना बटोर रही है और इसे उनके सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण का प्रतीक माना जा रहा है। टीना और प्रदीप, दोनों ही अपने-अपने प्रशासनिक क्षेत्रों में सामाजिक सुधार और विकास कार्यों को लेकर सक्रिय हैं, जिससे उनकी पहचान केवल प्रशासनिक कार्यों तक सीमित नहीं रह गई है बल्कि वे सामाजिक परिवर्तन के प्रतीक भी बन गए हैं।
दलित का कलेक्टर बनना एक प्रेरणादायक कहानी है
टीना डाबी का राजस्थान के बाड़मेर जिले का कलेक्टर बनना एक प्रेरणादायक कहानी है। यह कहानी न केवल एक महिला अधिकारी की है, जो कठिनाइयों का सामना करते हुए उच्चतम प्रशासनिक पदों तक पहुंची है, बल्कि यह भी बताती है कि एक दलित महिला का इस पद पर होना समाज में कितना बड़ा बदलाव ला सकता है। उनके नेतृत्व में बाड़मेर जिले में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस चुनौती को कैसे स्वीकार करती हैं और किस प्रकार समाज में बदलाव लाती हैं।
शुरुआती सफर और जैसलमेर की कलेक्टरी
टीना डाबी को पहले राजस्थान के जैसलमेर जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया था। जुलाई 2022 से जुलाई 2023 तक वहां उन्होंने प्रशासनिक सेवाएं दीं। जैसलमेर, जो कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित है, एक महत्वपूर्ण सरहदी जिला है। इस जिले की कलेक्टर के रूप में, उन्होंने स्थानीय विकास, आपदा प्रबंधन, और सामाजिक सुधारों में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में जैसलमेर में कई विकास परियोजनाएं शुरू की गईं, जिनमें जल प्रबंधन और पर्यटन के क्षेत्र में कई सुधार शामिल हैं।
बाड़मेर की जिम्मेदारी
2023 में, टीना डाबी को राजस्थान के बाड़मेर जिले का जिला कलेक्टर नियुक्त किया गया। बाड़मेर, राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा जिला है और यह भी जैसलमेर की तरह एक सीमावर्ती जिला है। बाड़मेर की सामाजिक और आर्थिक संरचना जटिल है, और यहां जातिवादी भेदभाव की घटनाएं भी देखी जाती हैं। फिल्म “वेदाः” में भी इस जिले की जातिवादी घटनाओं को दर्शाया गया है, जो यह दर्शाती है कि यहां के हालात कितने गंभीर हो सकते हैं।
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दलित का कलेक्टर बनना समाज में सकारात्मक बदलाव
टीना डाबी का बाड़मेर का कलेक्टर बनना न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। वह एक दलित परिवार से आती हैं, और उनकी यह नियुक्ति सामाजिक न्याय और समानता के प्रतीक के रूप में देखी जा रही है। बाड़मेर जैसे जिले में एक दलित महिला का कलेक्टर बनना समाज में सकारात्मक बदलाव का संकेत माना जा रहा है।
चुनौतियाँ और संभावनाएं
बाड़मेर जैसे बड़े और जटिल जिले की कलेक्टरी आसान नहीं है। यहाँ की भौगोलिक परिस्थितियाँ, सीमावर्ती इलाका होने की वजह से सुरक्षा के मुद्दे, और सामाजिक भेदभाव की समस्याएँ उनकी प्रशासनिक क्षमता की परीक्षा लेंगी। लेकिन टीना डाबी के पिछले कार्यकाल को देखते हुए, उनसे उम्मीद की जा रही है कि वह इन चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक करेंगी और जिले में विकास, समता और सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी।
उनकी इस नियुक्ति को सामाजिक न्याय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उनके कलेक्टर बनने से उम्मीद की जा रही है कि बाड़मेर में दलित और अन्य पिछड़े वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा बेहतर तरीके से हो सकेगी। टीना डाबी का प्रशासनिक कौशल, उनकी दूरदर्शिता और उनकी सामाजिक चेतना उन्हें इस जटिल जिले में भी सफल बना सकती है।
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