जातिगत भेदभाव को खत्म करने की मांग को लेकर अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष को भीमसेना का ज्ञापन

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भीमसेना का आरोप राजस्थान में जब से कांग्रेस पार्टी की सरकार आई है, तब से लगातार बैकलॉक की खाली पड़ी सीटों को सामान्य वर्ग से भरकर राज्य के अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के साथ कुठाराघात व अन्याय कर रही है।

राजस्थान सरकार द्वारा अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वर्ग के साथ किये जा रहे जातिगत भेदभाव को खत्म करने की मांग को लेकर राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ीलाल बैरवा को भीमसेना टोंक जिलाध्यक्ष अशोक बैरवा ने ज्ञापन दिया। उन्होने बताया कि अभी हाल ही में उदयपुर की घटना में कन्हैयालाल दर्जी की हत्या एव पूर्व में पाली निवासी जितेन्द्र मेघवाल की हत्या एक ही प्रकार षडयंत्रपूर्वक की गई थी, खंजर भी वही था और मौत भी वही थी, कसूर सिर्फ इतना था कि जितेन्द्र मेघवाल अनुसूचित जाति का था, ना उसके परिवारजन को सरकारी सहायता राशि दी और ना ही कोई सरकारी नौकरी दी गई। क्योकि जितेन्द्र अनुसूचित जाति से आता था तथा अभी हाल में कन्हैयालाल दर्जी की हत्या किये जाने पर सरकार द्वारा उसके दो बच्चों को सरकारी नौकरी दे दी गई है।

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सरकार के उक्त रवैये से यह स्पष्ट होता है कि सरकार अनुसूचित जाति के लोगों के साथ जातीय भेदभाव कर रही है। समय रहते सरकार जितेन्द्र मेघवाल के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी हेतु नियुक्ति प्रदान करे। इसी प्रकार सरकार ने SC/ST के अध्ययनरत छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति समाप्त की जा रही है, जो शिक्षा से वंचित किये जाने का एक षडयंत्र है, जबकि पूर्व में भी भीमसेना संगठन द्वारा राज्य सरकार को ज्ञापन व पत्र लिखकर अवगत करवाया जा चुका है। हाल ही में राजस्थान सरकार ने एक ऐसा आदेश निकाला है, जिसमें बीटेक डिग्रीधारी छात्र/छात्राएं एलएलबी करना चाहे तो उसे छात्रवृत्ति का पात्र नही माना है, जबकि संविधान में शिक्षा के सम्बन्ध में छात्रवृत्ति दी जाकर शिक्षा को बढ़ावा देना था, लेकिन जिस प्रकार सरकार ने छात्रवृत्ति को समाप्त करने का निर्णय लिया है, वह राज्य के मूल निवासियों को शिक्षा से वंचित करने का षड़यंत्र है। सरकार जब से स्थापित हुई है, तब से बैकलॉक की खाली पड़ी सीटों को सामान्य वर्ग से भरकर राज्य के SC/ST के लोगों के साथ कुठाराघात व अन्याय कर रही है। समय रहते सरकार उपरोक्त बिन्दुओं पर ठोस कदम उठाये, अन्यथा मजबूरन समाज के लोगों को सरकार के खिलाफ न्याय के लिए आगामी दिनों में न्याय के लिए महासंग्राम आंदोलन करना पड़ेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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