हरियाणा के रेवाड़ी में नाबालिग दलित छात्र के साथ चार युवकों ने बेहरमी से मारपीट की, सिगरेट पिलाने की कोशिश की, नाक रगड़वाई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की है।
रेवाड़ी जिले के रोहड़ाई थाना क्षेत्र के एक गांव में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें 10वीं कक्षा के एक नाबालिग दलित छात्र के साथ चार युवकों ने बर्बरता की हदें पार कर दीं। यह घटना 24 नवंबर की है, जब छात्र अपने दोस्त से किताब लेने के लिए घर से निकला था। रास्ते में चौपाल के पास चार युवकों ने उसे रोका और जबरदस्ती चौपाल के अंदर खींच ले गए। वहां उन्होंने छात्र के साथ मारपीट की, उसे सिगरेट पीने के लिए मजबूर किया, और जब छात्र ने मना किया तो उसे बेहरमी से पीटा। आरोपियों ने अमानवीयता की सारी हदें पार करते हुए उसे पैरों पर गिराकर नाक रगड़वाई और “पापा” कहने के लिए धमकाया। यही नहीं, इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाया गया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
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वीडियो में जातिसूचक शब्द और धमकी का खुलासा
10 मिनट के इस वायरल वीडियो ने समाज में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। वीडियो में चारों युवक छात्र को गाली-गलौच करते हुए और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते दिखाई दिए। उन्होंने उसे सिगरेट पीने पर मजबूर किया और जब छात्र ने मना किया तो उसे बुरी तरह से पीटा। इतना ही नहीं, आरोपी बार-बार छात्र को “पापा बोल” कहकर धमकाते रहे। इस क्रूरता के बाद उन्होंने छात्र को जमीन पर गिराकर नाक रगड़वाई। वीडियो में उन्होंने एक खतरनाक संदेश लिखा, “हमसे जो टकराएगा, उसका यही हाल होगा,” जो उनकी मानसिकता और सोच को दर्शाता है।
डर और चुप्पी के पीछे छुपा दर्द
वारदात के बाद पीड़ित छात्र चुपचाप घर लौटा और इस दर्दनाक घटना के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। उसकी चुप्पी ने पिता को तब तोड़ा जब पड़ोस के एक युवक ने उसे वह वीडियो दिखाया। वीडियो देखकर पिता सन्न रह गए और बेटे से इस बारे में पूछा। तब छात्र ने अपने ऊपर हुए अमानवीय व्यवहार की पूरी कहानी सुनाई।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, आरोपियों की जांच जारी
पीड़ित छात्र के पिता ने रोहड़ाई थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने चार युवकों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट और विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया। हालांकि, पुलिस ने बताया कि आरोपियों की उम्र का सत्यापन किया जा रहा है कि वे बालिग हैं या नाबालिग। जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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समाज में आक्रोश और न्याय की मांग
इस घटना ने न केवल पीड़ित परिवार को हिलाकर रख दिया है बल्कि पूरे समाज में रोष उत्पन्न कर दिया है। दलित संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह घटना न केवल जातिवाद के जहर को उजागर करती है बल्कि यह भी दिखाती है कि नाबालिग बच्चे भी समाज के कुछ हिस्सों में सुरक्षित नहीं हैं।
इस बर्बर घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक समाज जातिवाद और असमानता की बेड़ियों में जकड़ा रहेगा? इस मामले में न्याय की मांग केवल पीड़ित परिवार की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की है जो समाज में बराबरी और इंसानियत की उम्मीद करता है।
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