संविधान दिवस पर बसपा प्रमुख मायावती का संदेश: दलितों और शोषितों के अधिकारों के लिए BSP का संकल्प

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बसपा प्रमुख मायावती ने संविधान दिवस पर संतुलित विकास और शोषित वर्गों के उत्थान की आवश्यकता पर जोर देते हुए संविधान को सही मायने में लागू करने की अपील की।

Mayawati: संविधान दिवस के अवसर पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने ट्वीट के माध्यम से भारतीय संविधान की प्रासंगिकता और उसे सही मायने में लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस बात को स्पष्ट किया कि भारतीय संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ के मानवतावादी और कल्याणकारी उद्देश्य को साकार करने का एक पवित्र संकल्प है। संविधान का उद्देश्य केवल कानूनों का निर्माण नहीं है, बल्कि एक जात-पात मुक्त, समतामूलक समाज का निर्माण करना है। किंतु देश में संविधान लागू होने के दशकों बाद भी सच्चे सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक लोकतंत्र का अभाव इस बात का प्रमाण है कि सत्ता में बैठी कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियों ने संविधान को उसकी वास्तविक मंशा के अनुरूप लागू नहीं किया।

विकास का असंतुलन और जनहित की उपेक्षा

बसपा प्रमुख मायावती ने अपने बयान में भारत में व्याप्त गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लगभग 140 करोड़ की आबादी वाले इस देश में, जहां अधिकांश लोग दरिद्रता का जीवन जी रहे हैं, वहां विकास का लाभ केवल कुछ मुट्ठीभर लोगों तक सीमित रह गया है। यह असंतुलन न केवल संविधान की भावना का अपमान है, बल्कि देश के बहुसंख्यक जनता के अधिकारों पर भी कुठाराघात है। विकास का सही उद्देश्य तभी पूरा होगा, जब यह हर वर्ग और समुदाय तक पहुंचे। मायावती ने जोर देकर कहा कि जब तक शोषित और उपेक्षित वर्गों के लोगों के जीवन में सुधार नहीं आएगा, तब तक सच्चे लोकतंत्र और जनकल्याण की स्थापना संभव नहीं है।

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संविधान निर्माता बाबा साहेब अम्बेडकर के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि

बसपा प्रमुख मायावती ने संविधान के मुख्य शिल्पकार बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी सोच और संघर्ष का सम्मान केवल उनके नाम का जयघोष करने तक सीमित नहीं होना चाहिए। उनके करोड़ों शोषित और उपेक्षित अनुयायियों के जीवन में वास्तविक सुधार लाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि बीएसपी बाबा साहेब के विचारों को साकार करने के लिए समर्पित है और दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्षरत है। बीएसपी ने हमेशा आरक्षण जैसी योजनाओं के जरिए वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया है और इसे आगे भी जारी रखने का वादा किया।

बीएसपी की भूमिका और प्रतिबद्धता

बसपा प्रमुख मायावती ने बीएसपी के मिशन को संविधान की भावना के अनुरूप बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी संविधान में निहित जनकल्याणकारी उद्देश्यों को लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। बीएसपी ने हमेशा दलितों, वंचितों और शोषितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है और यह सुनिश्चित किया है कि समाज के हाशिए पर खड़े व्यक्ति की आवाज सुनी जाए। मायावती ने कहा कि बीएसपी केवल एक राजनीतिक पार्टी नहीं है, बल्कि यह बाबा साहेब के विचारों को साकार करने का एक आंदोलन है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे संविधान की मूल भावना को समझें और उसे पूरी निष्ठा से अपनाएं।

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देश को महान बनाने का मार्ग

बसपा प्रमुख मायावती ने अंत में कहा कि संविधान के माध्यम से एक ऐसा भारत बनाने का सपना देखा गया था, जो जाति और धर्म के भेदभाव से मुक्त हो। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय संविधान के कल्याणकारी उद्देश्यों को सही मायने में लागू किया जाए, तो भारत न केवल एक मजबूत लोकतंत्र बन सकता है, बल्कि एक महान राष्ट्र के रूप में उभर सकता है। बीएसपी इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए निरंतर संघर्ष करती रहेगी और बाबा साहेब के सपनों को साकार करेगी।

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