MP में BJP नेता की गुंडागर्दी: दलित व्यक्ति को बीच सड़क पर बेरहमी से पीटा, वीडियो वायरल

Share News:

मध्य प्रदेश में भाजपा बूथ अध्यक्ष अमित द्विवेदी ने दलित व्यक्ति अनिल कुमार झारिया को जमीन विवाद के चलते सरेआम पीटा। अनिल ने आरोप लगाया कि वह 30 साल से जिस जमीन पर रह रहे हैं, उस पर भाजपा नेता कब्जा कर प्लॉटिंग करना चाहते हैं। मारपीट का वीडियो वायरल हुआ, लेकिन पुलिस ने अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की। 

MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के त्रिपुरी वार्ड में भाजपा बूथ अध्यक्ष अमित द्विवेदी और दलित व्यक्ति अनिल कुमार झारिया के बीच भूमि को लेकर विवाद ने भयावह रूप ले लिया। अनिल कुमार झारिया का आरोप है कि वह पिछले 30 साल से जिस सरकारी जमीन पर रह रहे हैं, उस पर भाजपा नेता अमित द्विवेदी कब्जा करना चाहते हैं। जमीन पर अपना दावा करते हुए अमित ने उस पर प्लॉटिंग कर बेचने की योजना बनाई थी। अनिल ने बताया कि जमीन का पट्टा और टैक्स रसीद उनके पास है, लेकिन इसके बावजूद भाजपा नेता ने उस जमीन को अपना बताते हुए जबरन कब्जे की कोशिश की।

सड़क पर पिटाई और वीडियो वायरल

घटना सोमवार सुबह करीब 11 बजे शाहनाला के पास हुई, जब अनिल अपने घर के पास निर्माण कार्य कर रहे थे। इसी दौरान अमित द्विवेदी अपने साथियों के साथ वहां पहुंचे और गाली-गलौच करने लगे। बात इतनी बढ़ गई कि विवाद मारपीट में बदल गया। अमित द्विवेदी ने परिवार के सदस्यों और कुछ अन्य लोगों को बुलाकर अनिल को बीच सड़क पर बुरी तरह पीटा। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें भाजपा नेता और उसके परिवार द्वारा अनिल को बेरहमी से पीटते हुए देखा जा सकता है।

बेलागंज में NDA की जीत का जश्न पड़ा भारी: चिराग पासवान का गाना बजाने पर दलित परिवार पर हमला, चार घायल

पुलिस और पार्षद की मौजूदगी के बावजूद अत्याचार

अनिल ने आरोप लगाया कि घटना के दौरान स्थानीय पार्षद सुनीलपुरी गोस्वामी भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने विवाद को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन हालात और बिगड़ गए। पार्षद ने तिलवारा थाना पुलिस को भी मौके पर बुलाया, लेकिन इस दौरान भाजपा नेता का आतंक कम नहीं हुआ। अनिल का कहना है कि पुलिस के सामने ही उन पर हमला किया गया। मारपीट के बाद अमित के परिवार वालों ने कट्टा लहराकर उन्हें धमकाया और पहले खुद थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करवा दी।

भयभीत परिवार ने महापौर से लगाई गुहार

इस हमले के बाद अनिल और उनका परिवार इतना डर गया कि वे देर तक घर से बाहर नहीं निकले। उन्होंने हिम्मत जुटाकर नगर निगम पहुंचकर महापौर से मदद की गुहार लगाई। अनिल ने महापौर से शिकायत करते हुए कहा कि भाजपा नेता सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर उसे बेचने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कैसे एक सरकारी जमीन पर कब्जा कर भाजपा नेता प्लॉटिंग कर सकता है?

जातिगत अत्याचार और प्रशासन की निष्क्रियता

घटना ने क्षेत्र में जातिगत तनाव को जन्म दे दिया है। अनिल का कहना है कि भाजपा नेता ने उनकी जाति का अपमान करते हुए मारपीट की। वीडियो वायरल होने के बावजूद पुलिस ने कार्रवाई में देरी की, जिससे प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

न्याय की उम्मीद और संघर्ष की चुनौती

इस घटना ने भाजपा नेता के रसूख और दलित परिवार की असुरक्षा को उजागर किया है। अनिल और उनका परिवार न्याय की मांग कर रहा है, लेकिन उन्हें डर है कि कहीं राजनीतिक प्रभाव के चलते मामला दबा न दिया जाए। वहीं, वीडियो के वायरल होने के बाद जनता और सामाजिक संगठनों में भी आक्रोश है, जो इस मुद्दे को न्याय तक पहुंचाने के लिए संघर्षरत हैं।

झारखंड विधानसभा चुनाव: JLKM ने कैसे बदला समीकरण? पलट दी सारी बाजी

राजनीतिक तंत्र पर सवाल

यह घटना केवल एक व्यक्तिगत विवाद नहीं है, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे राजनीतिक रसूख के दम पर कमजोर वर्गों को निशाना बनाया जा रहा है। भाजपा नेता के इस कृत्य ने राजनीति में नैतिकता और जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जबलपुर की यह घटना प्रशासनिक तंत्र, राजनीतिक प्रभाव और जातिगत भेदभाव की गहरी जड़ों को उजागर करती है। न्याय और सच्चाई की उम्मीद के बीच, यह देखना होगा कि क्या दलित परिवार को इंसाफ मिलेगा या यह मामला भी अन्य घटनाओं की तरह दबा दिया जाएगा।

*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *

महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।

  Donate

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *