झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई, जिससे देशभर में आक्रोश है। मायावती ने घटना को अति-दुखद बताते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को मदद की मांग की। हादसे की जांच जारी है, और सरकार ने सुरक्षा उपायों को बेहतर बनाने का आश्वासन दिया है।
उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात हुई दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया। नवजात शिशुओं के वार्ड में लगी आग से 10 मासूम बच्चों की मौत हो गई, जिससे इलाके में कोहराम मच गया। इस दर्दनाक हादसे ने सरकार और प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया। दमकल विभाग और अस्पताल प्रशासन के बीच समन्वय की कमी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
बसपा प्रमुख मायावती की तीखी प्रतिक्रिया
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने इस हादसे पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, “झांसी मेडिकल कॉलेज की यह घटना अति-दुखद और दिल दहला देने वाली है। ऐसी घातक लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों को सख्त कानूनी सजा मिलनी चाहिए।” उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सख्त उपाय किए जाएं।
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कैसे हुआ हादसा?
शुरुआती जांच के अनुसार, यह हादसा अस्पताल के एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) में शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ। वार्ड में मौजूद उपकरणों ने आग पकड़ ली, जिससे कुछ ही मिनटों में पूरा वार्ड धुएं से भर गया। अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन दमकल विभाग के देर से पहुंचने के कारण स्थिति और बिगड़ गई। बच्चों के परिजन अपने मासूमों की सुरक्षा के लिए चीखते-चिल्लाते रहे, लेकिन आग की तीव्रता ने उन्हें वार्ड के अंदर जाने से रोक दिया।
परिवारों का आक्रोश और प्रशासन की असफलता
घटना के बाद अस्पताल के बाहर हंगामा मच गया। बच्चों के शोकाकुल परिवारों ने प्रशासन पर लापरवाही और लचर सुरक्षा व्यवस्था का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल उठाया कि एक संवेदनशील वार्ड में आग बुझाने के उपकरण और सुरक्षा उपाय क्यों नहीं थे। परिजनों का कहना था कि आग लगने के बाद स्टाफ की तत्परता और दमकल विभाग की देरी ने मासूम बच्चों की जान ले ली।
सरकार और प्रशासन के दावे
उत्तर प्रदेश सरकार ने घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, मृतक बच्चों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। प्रशासन ने यह भी दावा किया कि अस्पताल में सुरक्षा उपायों को बेहतर बनाया जाएगा, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
मायावती ने की सरकार से अपील
मायावती ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि पीड़ित परिवारों की आर्थिक और मानसिक सहायता की जाए। उन्होंने कहा, “ऐसी घटनाओं की भरपाई असंभव है, लेकिन सरकार को चाहिए कि वह पीड़ित परिवारों की हर प्रकार से मदद करे। साथ ही, अस्पतालों में सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू किया जाए।”
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आवश्यक सुधार की मांग
इस घटना ने सरकारी अस्पतालों की लचर सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन की खामियों को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य होना चाहिए। यह हादसा एक सबक है कि अस्पतालों में संवेदनशील वार्डों के लिए विशेष सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए।
झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए इस हादसे ने न केवल 10 मासूमों की जान ली, बल्कि पूरे देश को स्वास्थ्य प्रणाली की खामियों पर सोचने पर मजबूर कर दिया। यह घटना सरकार और प्रशासन के लिए चेतावनी है कि अस्पतालों में सुरक्षा और प्रबंधन को प्राथमिकता दी जाए। मायावती जैसी नेताओं की सख्त मांग और जनता का आक्रोश तभी शांत होगा, जब दोषियों को सजा मिलेगी और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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