मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में दलित युवती के साथ यौन शोषण और जलाने की घटना, पुलिस की भूमिका पर सवाल, आरोपी को रिहा किया गया, आरोपी के समर्थन में बीजेपी नेता का विवादित बयान।
MP News: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक दलित युवती के साथ हुई दिल दहला देने वाली घटना ने राज्य में जातिगत भेदभाव और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब बीजेपी नेता मुकेश तन्वे ने आरोपी का बचाव करते हुए पीड़िता पर आत्मदाह का आरोप लगाया। 19 वर्षीय दलित युवती के साथ पहले यौन शोषण की कोशिश की गई और जब उसने हिम्मत दिखाकर इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई, तो आरोपी के बेटे ने कथित रूप से उसे पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश की। युवती के शरीर का 27 प्रतिशत हिस्सा आग से बुरी तरह झुलस गया है, और फिलहाल उसका इलाज इंदौर के अस्पताल में चल रहा है।
यौन शोषण के बाद पुलिस की उदासीनता, आरोपी को रिहा किया गया
इस दिल दहला देने वाली घटना की शुरुआत 7 अक्टूबर को तब हुई जब दलित युवती ने अपने गांव के 48 वर्षीय मांगीलाल पर यौन शोषण का आरोप लगाया। युवती का कहना था कि जब वह खेत में अकेली काम कर रही थी, तब मांगीलाल ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की। पुलिस ने युवती की शिकायत पर उसी दिन मांगीलाल को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन अगले ही दिन, 8 अक्टूबर को आरोपी को बरी कर दिया गया। पुलिस की इस कार्रवाई ने मामले को और उलझा दिया और युवती व उसके परिवार को आरोपियों से जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं।
आरोपी के बेटे ने पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश
युवती की जिंदगी में तब और अंधकार छा गया जब 11 अक्टूबर को मांगीलाल का बेटा अर्जुन कथित रूप से उसके घर पहुंचा और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। घटना के समय युवती अकेली थी, लेकिन उसने किसी तरह खुद को बचाने की कोशिश की और वहां से भाग निकली। परिवार ने उसे तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उसे इंदौर के अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां उसकी जान बचाने की कोशिश की जा रही है।
भाजपा नेता का विवादित बयान, आरोपियों के समर्थन में उठी आवाज
इस मामले में जब पीड़िता न्याय की गुहार लगा रही है, तब बीजेपी नेता मुकेश तन्वे ने विवादित बयान देकर मामले को और संवेदनशील बना दिया है। तन्वे ने आरोपियों का बचाव करते हुए कहा कि युवती ने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह की कोशिश की थी। उनका दावा है कि आरोपी निर्दोष हैं और युवती ने यह कदम डर के कारण उठाया है। यह बयान उस समय आया है जब पीड़िता की हालत नाजुक है और पुलिस द्वारा आरोपी अर्जुन पर हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया है।
जातिगत भेदभाव और न्याय की लड़ाई
इस घटना ने राज्य में जातिगत भेदभाव और दलित महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को फिर से उजागर कर दिया है। सवाल यह उठता है कि जब एक दलित युवती ने यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई और आरोपी को गिरफ्तार किया गया, तो उसे बरी करने में इतनी जल्दी क्यों की गई? क्या यह पुलिस की लापरवाही थी, या फिर इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप था? भाजपा नेता मुकेश तन्वे द्वारा आरोपी का समर्थन करना और पीड़िता पर आरोप लगाना दलित समुदाय में आक्रोश को बढ़ाने वाला है।
आरोपियों को सख्त सजा और न्याय की मांग
इस मामले में दलित संगठनों और समाज के विभिन्न वर्गों ने न्याय की मांग उठाई है। लोगों का कहना है कि आरोपी और उसके परिवार को सख्त सजा मिलनी चाहिए और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सरकार और पुलिस को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। युवती के परिवार का आरोप है कि अगर आरोपी मांगीलाल को पहले ही उचित सजा मिलती, तो शायद उनकी बेटी के साथ यह भयावह घटना नहीं होती।
इस घटना ने राज्य और देशभर में महिलाओं, विशेषकर दलित महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। अब यह देखना होगा कि इस मामले में पुलिस और प्रशासन कितनी जल्दी और प्रभावी कार्रवाई करते हैं, और क्या पीड़िता को न्याय मिल पाता है या नहीं।
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।