भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद सतनामी समाज के लोगों की रिहाई के लिए रायपुर में जनसभा की। कहा कि, अगर अक्टूबर तक कोई कार्रवाई नहीं होती, तो वे छत्तीसगढ़ दोबारा नहीं आएंगे और अपनी शक्ल भी नहीं दिखाएंगे…
Chandra Shekhar Azad in Raipur:
शनिवार 31 अगस्त को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नगीना से सांसद और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सामाजिक न्याय यात्रा की एक सभा को संबोधित किया। इस सभा में चंद्रशेखर आज़ाद ने जेल में बंद सतनामी समाज के लोगों के समर्थन में कई बड़ी बातें बोलीं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को चेतावनी दी कि अगर अक्टूबर तक इन लोगों की रिहाई नहीं होती है तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। जिसमें भूख हड़ताल और सड़कों पर प्रदर्शन शामिल होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अक्टूबर तक कोई कार्रवाई नहीं होती तो वे छत्तीसगढ़ दोबारा नहीं आएंगे और अपनी शक्ल भी नहीं दिखाएंगे।
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छत्तीसगढ़ भवन पर करेगें घेराव
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने रायपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए बलौदाबाजार हिंसा मामले में सतनामी समाज के निर्दोष लोगों की रिहाई की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इन लोगों की रिहाई नहीं होती और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जाती, तो रायपुर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो दिल्ली के छत्तीसगढ़ भवन में छत्तीसगढ़ के मंत्रियों और सांसदों को रुकने नहीं देंगे। साथ ही, उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट से छत्तीसगढ़ भवन तक उनका “अपने हिसाब से” स्वागत करेंगे। आजाद ने यह भी कहा कि जो लोग आज जेल में हैं और आपकी रक्षा के लिए लड़ रहे हैं, उनकी रिहाई के बाद उनका स्वागत फूलों से किया जाएगा।
कहा ‘अब आर-पार की लड़ाई होगी’ :
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने रायपुर की जनसभा में फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में सामान्य वर्ग के लोग फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर नौकरियों में बैठे हैं। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की और दोषियों पर कार्रवाई की आवश्यकता बताई। साथ ही, उन्होंने राज्य के लोगों की ताकत पर भरोसा जताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ एक इशारे पर बंद हो सकता है, लेकिन वे संवैधानिक ढंग से लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने घोषणा की कि अब यह आर-पार की लड़ाई है और एक अक्टूबर को छत्तीसगढ़ भवन का घेराव करेंगे। उनका आंदोलन तब तक चलेगा जब तक जेल में बंद सभी लोग रिहा नहीं हो जाते।
समाज न्याय यात्रा का जिक्र
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ में उनकी यात्रा का यह पहला चरण है, और इसी तरह तीन और यात्राएं निकाली जाएंगी ताकि लोगों को एकजुट किया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ की सरकार सतनामी समाज के लोगों पर अन्याय कर रही है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनके नेतृत्व में इस अन्याय के खिलाफ मोर्चा जारी रहेगा। आजाद ने जनता पर विश्वास जताते हुए कहा कि वे सरकार के दमन का हिसाब लेंगे, लेकिन भविष्य में मजबूत बनने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
भीम आर्मी की मांग :
1. अमर गुफा की घटना की सीबीआई जांच कराई जाए।
2. आगजनी और हिंसा की सीबीआई जांच की जाए।
3. गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को बिना शर्त रिहा किया जाए।
4. राज्य सरकार प्रमोशन में आरक्षण लागू करे।
5. भागीदारी के अनुसार हिस्सेदारी दी जाए।
6. जातिगत जनगणना के बाद अनुसूचित जातियों (SC) को 16 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।
7. न्यूनतम वेतन कम से कम रुपए 700 प्रतिदिन हो।
8. प्रदेश में निशुल्क शिक्षा और समान शिक्षा व्यवस्था लागू की जाए।
9. सभी सरकारी अधिकारियों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाया जाए।
10. सरकारी संपत्ति का निजीकरण समाप्त कर राष्ट्रीयकरण किया जाए।
11. क्रीमी लेयर व्यवस्था को समाप्त किया जाए।
12. मुसलमानों और आदिवासियों की मॉब लिंचिंग की घटनाओं को समाप्त किया जाए।
13. आवारा पशुओं के नाम पर आबंटित जमीन पर गौ शाला बनाकर भेजा जाए, क्योंकि अधिकतर दुर्घटनाएं आवारा मवेशियों के कारण होती हैं।
14. छत्तीसगढ़ में सामान्य वर्ग के जो सभी लोग फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी कर रहे हैं, जिसकी जांच की जाए ताकि उनका भंडाफोड हो।
15. जाति प्रमाण-पत्र के 50 साल पुराना दस्तावेज मांगे जाने की व्यवस्था पूरी तरह से खत्म की जाए।
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बलौदाबाजार हिंसा मामला क्या है
15 मई की रात को गिरौधपुरी के एक इलाके में धार्मिक प्रतीक जैतखाम में तोड़फोड़ की घटना के बाद सतनामी समाज के लोगों में भारी नाराजगी थी। इस नाराजगी के चलते, उन्होंने 19 अगस्त को बलौदा बाजार-भाटापारा जिले के कलेक्टर, एसपी, पंचायत और कई सरकारी कार्यालयों में आग लगा दी। इसके साथ ही 77 गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया। आग बुझाने के लिए पहुंची दमकल की दो गाड़ियों को भी भीड़ ने जला दिया।
बलौदाबाजार हिंसा मामले में 200 लोगों को गिरफ्तार किया
उग्र भीड़ की मांग थी कि धार्मिक प्रतीकों को तोड़ने के मामले की राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यायिक जांच के बजाय सीबीआई से जांच कराई जाए। इसके जवाब में राज्य सरकार ने तत्कालीन कलेक्टर के एल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को हटाकर निलंबित कर दिया। बस इसी कारण बलौदाबाजार हिंसा मामले में 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी पर दंगा भड़काने और सरकारी संपत्ति में तोड़फोड़ करने का आरोप है। इस मामले में भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव भी शामिल हैं, जो वर्तमान में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
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