हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर जननायक जनता पार्टी (JJP) और आजाद समाज पार्टी (ASP) ने गठबंधन का ऐलान कर दिया है।इस गठबंधन के तहत JJP 70 सीटों पर और ASP 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यह गठबंधन दोनों दलों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है
Haryana Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले जननायक जनता पार्टी (JJP) और आजाद समाज पार्टी (ASP) के गठबंधन की घोषणा एक बड़ा राजनीतिक कदम है। इस गठबंधन के तहत JJP 70 सीटों पर और ASP 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आजाद का यह गठबंधन राज्य की राजनीति में नया समीकरण तैयार कर सकता है। हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं, और यह गठबंधन आगामी चुनावों में अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
हरियाणा में इस गठबंधन का उद्देश्य
जननायक जनता पार्टी (JJP) और आजाद समाज पार्टी (ASP) के बीच हुए इस गठबंधन का उद्देश्य हरियाणा की राजनीति में एक नई दिशा देना है। इस गठबंधन की प्रेरणा कांशी राम और चौधरी देवी लाल की विचारधाराओं से ली गई है, जो सामाजिक न्याय और समता पर आधारित हैं। दोनों दलों ने यह स्पष्ट किया है कि उनका मकसद राज्य के विकास के लिए एक मजबूत राजनीतिक धारा का निर्माण करना है, जो समाज के सभी वर्गों को एकजुट कर सके। इस गठबंधन से हरियाणा की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं, जो आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
JJP का दूसरा और ASP का पहला विधानसभा चुनाव
जननायक जनता पार्टी (JJP) का यह दूसरा विधानसभा चुनाव है, जबकि आजाद समाज पार्टी (ASP) पहली बार हरियाणा में चुनाव लड़ने जा रही है। JJP की स्थापना 2018 में हुई थी और पार्टी ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिससे हरियाणा की राजनीति में उसकी पहचान मजबूत हुई। दूसरी ओर, आजाद समाज पार्टी का गठन 2022 में हुआ था, और हरियाणा में ASP के लिए यह चुनाव एक नई शुरुआत होगी।
इसे देखें : दलित IAS बने रविन्द्र मेघवाल, बिना कोचिंग के पहले प्रयास में रहे सफल, जानें रविन्द्र की कहानी
चंद्रशेखर आजाद की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी
चंद्रशेखर आजाद की लोकप्रियता हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी है, खासकर सोशल मीडिया और जनता के बीच उनकी सक्रियता के कारण। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में नगीना सीट से निर्दलीय जीत हासिल की थी, जहां उन्हें डेढ़ लाख से अधिक वोट मिले थे। इस तरह उनकी राजनीतिक क्षमता और जनाधार ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभारा है। JJP और ASP के इस गठबंधन से हरियाणा की राजनीति में एक नया समीकरण बनने की संभावना है, जो चुनावी नतीजों पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है।
किसानों और मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई की बात की
दुष्यंत चौटाला ने इस गठबंधन को किसानों और मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है। उनकी प्राथमिकताओं में किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और डेली वेज वर्कर्स के लिए न्यूनतम मजदूरी को सुनिश्चित करना शामिल है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। इसके साथ ही, जेजेपी और एएसपी गठबंधन ने शिक्षा की गुणवत्ता को भी प्राथमिकता में रखा है, जिससे हरियाणा के युवाओं को बेहतर अवसर मिल सकें।
इसे देखें : मायावती फिर बनीं बसपा अध्यक्ष, राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद को मिली ये जिम्मेदारी
चंद्रशेखर-दुष्यंत आए एक साथ
दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आजाद ने समाज के सभी वर्गों और बिरादरियों को साथ लेकर चलने का संकल्प लिया है, ताकि हरियाणा के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सभी 36 समुदायों को एकजुट कर राज्य के विकास में भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। यह गठबंधन सामाजिक न्याय और समानता के साथ-साथ समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रहा है।
हरियाणा की राजनीति में दलित और जाट मतदाता है खास
हरियाणा की राजनीति में दलित और जाट मतदाताओं की भूमिका बेहद अहम है, क्योंकि ये दोनों समुदाय राज्य की आबादी का बड़ा हिस्सा हैं। जाट मतदाता जहां कुल वोटरों का लगभग 25% हैं, वहीं दलित मतदाता भी 20% से अधिक हैं। ऐसे में दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP), जो जाट समुदाय के बीच प्रभावशाली मानी जाती है, और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (ASP), जो दलित समुदाय में मजबूत पकड़ रखती है, का एक साथ आना एक रणनीतिक कदम हो सकता है।
इसे देखें : UP News : अयोध्या में फिर दरिंदगी, चार साल की दलित बच्ची से हैवानियत, आरोपी फरार
क्या गठबंधन से दलित-जाट समुदायों का मिलेगा समर्थन
यह गठबंधन इन दोनों बड़े वोट बैंक को एक साथ लाने का प्रयास करेगा, जो चुनाव के नतीजों पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। अगर यह गठबंधन जाट और दलित समुदायों का समर्थन हासिल करने में सफल रहता है, तो हरियाणा की राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभर सकता है और अन्य दलों के लिए चुनौती बन सकता है।
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।