बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मायावती को एक बार फिर पांच साल के लिए पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। यह निर्णय पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि मायावती ने बसपा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Mayawati : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने प्रस्ताव रखा कि मायावती को एक बार फिर से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए। जिसे सभी ने सहमति से स्वीकार किया। साथ ही विभिन्न प्रदेशों से आए BSP के प्रदेश अध्यक्ष, नेशनल कोऑर्डिनेटर, विशेष सदस्य, और उत्तर प्रदेश के जिलों से नामित विशेष सदस्यों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया। अब मायावती 2029 तक पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनी रहेंगी।मायावती का नेतृत्व बसपा के भविष्य की दिशा तय करने में अहम होगा।
इसे देखें : UP News : अयोध्या में फिर दरिंदगी, चार साल की दलित बच्ची से हैवानियत, आरोपी फरार
2003 से मायावती इस पद पर
बहुजन समाज पार्टी (BSP) के लखनऊ कार्यालय में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मायावती को फिर से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। यह उनकी पार्टी में निरंतरता और नेतृत्व की मजबूती को दर्शाता है, क्योंकि वे 2003 से इस पद पर हैं। हालांकि, इस बार मायावती को यह जिम्मेदारी ऐसे समय में मिली है जब पार्टी मुश्किल दौर से गुजर रही है। दरअसल, BSP को पिछले कुछ चुनावों में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है और पार्टी की लोकप्रियता में गिरावट आई है। ऐसे में मायावती का पुनर्निर्वाचन पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। उनके सामने अब पार्टी को फिर से सशक्त बनाने, चुनावी सफलता हासिल करने और अपने आधार को पुनर्जीवित करने की बड़ी चुनौती है।
आकाश आनंद को मिली जिम्मेदारी
इस बैठक में राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, और चुनावी राज्य हरियाणा की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया गया है। वे इन राज्यों में प्रचार की कमान संभालेंगे और संगठन को मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे। यह कदम BSP की चुनावी रणनीति को सशक्त करने और पार्टी की उपस्थिति को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
बैठक में इन चुनावों पर हुई चर्चा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दो राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों और उत्तर प्रदेश उपचुनाव पर भी चर्चा की गई। BSP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हर पांच साल में होती है, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है। मायावती पहली बार 18 सितंबर 2003 को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गई थीं, और तब से अब तक वे इस पद पर बनी हुई हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी के भविष्य की रणनीतियों और चुनावी योजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
पोस्ट देखें: https://x.com/Mayawati/status/1828354082299322692?t=KGZBzGi1NTD-Xfo85O-jnw&s=19
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।