गोरखपुर कांड: बसपा सुप्रीमो मायावती, भीम आर्मी चीफ और अखिलेश ने उत्तर प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

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तीनों नेताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की और कानपुर के व्यापारी के परिवार के लिए न्याय की मांग की, जो गोरखपुर में अपने होटल के कमरे पर पुलिस की छापेमारी के बाद मारे गए थे।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर में होटल में व्यापारी के कमरे पर पुलिस की छापेमारी के बाद मौत पर उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की है।

सीबीआई जांच की मांग

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मनीश गुप्ता हत्याकांड की सीबीआई जांच और पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद एंव एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग रखते हुए अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा – यूपी सीएम के गृह जनपद गोरखपुर की पुलिस द्वारा तीन व्यापारियों के साथ होटल में बर्बरता व उसमें से एक की मौत के प्रथम दृष्टया दोषी पुलिसवालों को बचाने के लिए मामले को दबाने का प्रयास घोर अनुचित। घटना की गंभीरता व परिवार की व्यथा को देखते हुए मामले की सीबीआई जाँच जरूरी।

उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा – 2. आरोपी पुलिसवालों के विरूद्ध पहले हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं करना किन्तु फिर जन आक्रोश के कारण मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं करना सरकार की नीति व नीयत दोनों पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। सरकार पीड़िता को न्याय, उचित आर्थिक मदद व सरकारी नौकरी दे, बीएसपी की माँग।

कानून व्यवस्था नहीं गुंडाराज है

भीम आर्मी चीफ और असपा प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट करते हुए लिखा – योगी जी की ‘ठोक देंगे’ नीति उफान पर है। रक्षक की वर्दी पहनने वाले ही भक्षक बन बैठे हैं। गोरखपुर के होटल में पुलिसकर्मियों ने एक कारोबारी को पीट पीटकर मार डाला। उत्तर प्रदेश में जनता न तो गुंडों से सुरक्षित है और न ही पुलिसकर्मियों से। कानून व्यवस्था नहीं यह गुंडाराज है।

हिंसक सांस्कृति की जन्मदाता भाजपा सरकार

अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में इस घटना की निंदा की और कहा कि यह पुलिस मुठभेड़ “हिंसक संस्कृति” का परिणाम है जिसे भाजपा सरकार ने जन्म दिया है। उन्होंने मांग की कि सभी आरोपियों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए।

इसी के साथ अखिलेश यादव ने गुरुवार 30 सितंबर को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। अखिलेश ने सरकार से पीड़िता को 2 करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता और मामले की जांच हाई कॉर्ट के जजों के द्वारा कराने की मांग की है, साथ ही समाजवादी पार्टी की तरफ से पीड़िता को 20 लाख रुपए की सहायता का ऐलान किया है।

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