देश में करोड़ों युवा बेरोजगार, देश की मौजूदा स्थिति में बीजेपी और कांग्रेस जिम्मेदार : मायावती

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देश में बेरोजगारी का दर बढ़ता चला जा रहा है। युवाओं के लिए रोजगार पाना आज एक बड़ी चुनौती बन चुका है। बढ़ती बेरोज़गारी के आंकड़े इस वक़्त देश के लिए एक चिंता का विषय है लेकिन केंद्र सरकार इस मुद्दे पर अपनी आंखे मूंदी बैठी है।

बसपा प्रमुख मायावती हमेशा से उन मुद्दों के खिलाफ आवाज़ उठती आयी है जिनको लेकर केंद्र सरकार हमेशा चुप्पी साध लेती है। बृहस्पतिवार को उन्होंने ट्विटर के माध्यम से उत्तरप्रदेश और देश में फैली बेरोज़गारी को लेकर युवाओं के हित में आवाज़ उठाई है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा-1. यूपी व पूरे देश भर में करोड़ों युवा व शिक्षित बेरोजगार लोग सड़क किनारे पकौड़े बेचने व अपने जीवनयापन के लिए मजदूरी आदि करने को भी मजबूर हैं तथा उनके माँ-बाप व परिवार जो यह सब देख रहे हैं उनकी व्यथा को समझा जा सकता है, जो यह दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण व अति-चिन्ताजनक।

मायावती ने अपने अगले ट्वीट में भाजपा और कांग्रेस को देश की मौजूदा स्थिति का जिम्मेदार मानते हुए लिखा- 2. बीएसपी देश में नौजवानों के लिए ऐसी भयावह स्थिति पैदा करने के लिए केन्द्र में बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस को भी बराबर की जिम्मेदार मानती है जिसने लम्बे अरसे तक यहाँ एकछत्र राज किया व अपने कार्यकलापों की भुक्तभोगी बनकर कांग्रेस केन्द यूपी व काफी राज्यों की भी सत्ता से बाहर हो गई।

उन्होंने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा -3. यदि बीजेपी भी, कांग्रेस पार्टी के नक्शेकदम पर ही चलती रही तो फिर इस पार्टी की भी वही दुर्दशा होगी जो कांग्रेस की हो चुकी है, जिसपर बीजेपी को गम्भीरता से जरूर सोचना चाहिये क्योंकि इनकी ऐसी नीति व कार्यकलापों से न तो जनकल्याण और न ही देश की आत्मनिर्भरता संभव हो पा रही है।

 

शिक्षक भर्ती को लेकर हो रहा है प्रदर्शन

69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में 5844 आरक्षण सीटों पर धांधली का आरोप सरकार पर आरोप लगाते हुए अभ्यार्थी बुधवार से उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे है। अभ्यर्थियों ने मामले की शिकायत बेसिक शिक्षा मंत्री से लेकर केंद्रीय ओबीसी आयोग तक करी लेकिन बदले में उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने शिक्षा भर्ती में धांधले करते हुए आरक्षित सीटे अन्य अभ्यर्थियों को दे दी है। इसके विरोध में अभ्यर्थी उच्च न्यायालय भी गए लेकिन उनके मुताबिक सरकार उच्च न्यायालय का फैसला भी नही मान रही है।

इसी के चलते अभ्यर्थियों ने बुधवार को कालिदास मार्ग के पास प्रदर्शन किया जिसकी भनक पुलिस और एलआईयू तक को नहीं लगी। अभ्यर्थी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के घर तक पहुंच गए। पुलिस ने जब अभ्यर्थियों को हटाने का प्रयाद किया को वह सब वहीं पर लेट गए। जिसके बाद पुलिस को लाठियां चला कर सभी को वहां से खदेड़ना पड़ा।

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