UPPSC परीक्षा के विरोध में सड़कों पर उतरे छात्रों की एक दिन, एक शिफ्ट में परीक्षा कराने की मांग को मायावती ने समर्थन दिया। उन्होंने सरकार पर पेपर लीक और परीक्षाओं की विश्वसनीयता के मुद्दे पर सवाल उठाए, साथ ही बेरोजगारी से जूझते युवाओं के प्रति सहानुभूति का आह्वान किया।
UP News : उत्तर प्रदेश में UPPSC (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) की परीक्षाओं को लेकर छात्रों का भारी विरोध और सरकार की प्रतिक्रिया अब चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। प्रयागराज में हुए इस विरोध प्रदर्शन में हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए, जिनकी प्रमुख मांग है कि PCS प्रीलिम्स 2024 और RO/ARO प्रारंभिक परीक्षा 2023 को एक ही दिन में और एक ही शिफ्ट में कराया जाए। छात्रों का आरोप है कि दो दिनों में आयोजित परीक्षा से मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) की प्रक्रिया लागू होती है, जिससे सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर नहीं मिल पाता है। सोमवार को इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हो गई, और पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया।
मायावती का समर्थन और सरकार पर सवाल
अब इस मुद्दे पर बसपा प्रमुख मायावती ने भी छात्रों के साथ खड़े होने का ऐलान किया है। मायावती ने UPPSC की परीक्षा में छात्रों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को परीक्षा एक ही दिन में कराने की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया के कारण किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय न हो। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने विचार साझा किए, जहां उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए लिखा कि यह सरकार का कर्तव्य है कि वह परीक्षाओं की विश्वसनीयता और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करे। मायावती ने यह भी कहा कि छात्रों पर पुलिस कार्रवाई और प्रशासन का रवैया निंदनीय है और यह दिखाता है कि सरकार युवाओं की पीड़ा को समझने में असफल रही है।
“परीक्षाओं की विश्वसनीयता और पेपर लीक पर रोक हो प्राथमिकता”
मायावती ने अपने बयान में कहा कि, “क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा को दो दिन में कराना पड़ रहा है?” उन्होंने आगे कहा कि पेपर लीक की समस्याओं को रोकने और परीक्षाओं की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए परीक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत है। बसपा सुप्रीमो ने यह सुझाव दिया कि यदि सरकार एक ही दिन में परीक्षा आयोजित करे, तो इससे न केवल पेपर लीक की घटनाएं कम होंगी बल्कि छात्रों में विश्वास भी बनेगा।
गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई से जूझते युवाओं के प्रति “सहानुभूति” का आह्वान
मायावती ने इस अवसर पर युवाओं के रोजगार और अन्य मुद्दों को भी सामने रखा। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह छात्रों के प्रति सहयोग और सहानुभूति का रवैया अपनाए, न कि उनके प्रति क्रूरता दिखाए। देश में तेजी से बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी की समस्या का जिक्र करते हुए उन्होंने सरकार से खाली पड़े सभी पदों पर जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझना चाहिए कि लोगों को रोज़गार की सख्त जरूरत है और यह उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
विरोध से उपजी सियासत, मायावती के समर्थन से बीजेपी पर बढ़ा दबाव
मायावती के इस समर्थन से अब सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। आगामी चुनावों के मद्देनज़र इस घटना का सीधा असर भाजपा पर पड़ सकता है, क्योंकि बेरोजगारी से परेशान युवाओं का समर्थन विपक्षी दलों की तरफ झुक सकता है। मायावती ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह छात्रों की मांगों को समझे और उन पर ध्यान दे। उन्होंने युवाओं के आक्रोश को गंभीरता से लेने की बात कही और कहा कि सरकार को उनके साथ सहयोग और संवेदना दिखानी चाहिए।
छात्रों का संकल्प: मांगे माने जाने तक संघर्ष जारी रहेगा
छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जातीं, तब तक वे संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने “एक दिन, एक शिफ्ट, नॉर्मलाइजेशन नहीं” का नारा बुलंद किया है और कहा है कि यह उनके भविष्य का सवाल है। उनका कहना है कि बार-बार परीक्षा में पेपर लीक की खबरें और मानकीकरण की जटिल प्रक्रियाएं उनकी मेहनत पर पानी फेर देती हैं। छात्रों का स्पष्ट कहना है कि दो पाली में परीक्षा होने से गड़बड़ी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और उन्हें इस अन्यायपूर्ण प्रक्रिया का सामना नहीं करना चाहिए।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से युवाओं की बेरोजगारी और सरकार की नीतियों को लेकर एक बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। मायावती के समर्थन से अब यह मुद्दा और भी गहराता नजर आ रहा है। इस घटनाक्रम में मायावती का बयान भाजपा पर दबाव बनाने वाला साबित हो सकता है, खासकर तब जब युवाओं का गुस्सा बढ़ रहा हो। वहीं, यूपीपीएससी को लेकर छात्रों का यह आंदोलन अब केवल रोजगार की मांग का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि यह उनके अधिकारों के संघर्ष का भी प्रतीक बन चुका है।
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