भारतीय दलित साहित्य अकादमी का 40वां राष्ट्रीय सम्मेलन: करम राम को मिला चक्रवर्ती सम्राट अशोक नेशनल अवार्ड

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भारतीय दलित साहित्य अकादमी के 40वें राष्ट्रीय सम्मेलन में करम राम को चक्रवर्ती सम्राट अशोक नेशनल अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया। करम राम ने यह सम्मान शोषित और वंचित समाज के संघर्षरत लोगों को समर्पित किया। समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना करते हुए विभिन्न संगठनों ने खुशी व्यक्त की। करम राम ने इस सम्मान को नई जिम्मेदारी मानते हुए वंचित युवाओं के सशक्तिकरण के लिए अभियान शुरू करने का संकल्प लिया।

नई दिल्ली में आयोजित भारतीय दलित साहित्य अकादमी के 40वें राष्ट्रीय सम्मेलन में समाज सेवा और शिक्षण कार्यों में अद्वितीय योगदान देने वाले करम राम को चक्रवर्ती सम्राट अशोक नेशनल अवार्ड-2024 से सम्मानित किया गया। यह समारोह न केवल सम्मान का प्रतीक था, बल्कि उन संघर्षों और त्याग की गाथा का उत्सव था, जिसे करम राम ने शोषित और वंचित समाज के उत्थान के लिए जिया। करम राम, जिन्होंने अपने जीवन को वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए समर्पित कर दिया, ने इस प्रतिष्ठित सम्मान को अपने राज्य के सभी उन गुमनाम नायकों को समर्पित किया, जो उनके साथ दिन-रात इस संघर्ष में सहभागी रहे।

शोषित समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक

करम राम का यह सफर आसान नहीं था। उन्होंने अपने जीवन के प्रारंभिक दिनों में समाज की विषमताओं को नजदीक से देखा और महसूस किया। शिक्षा के माध्यम से बदलाव लाने का विश्वास रखते हुए, उन्होंने सबसे पहले वंचित बच्चों को शिक्षित करने की दिशा में काम शुरू किया। इसके साथ ही, करम राम ने उन मुद्दों को भी उठाया, जो शोषित समाज के लिए बाधा बने हुए थे, जैसे कि भूमि अधिकार, सामाजिक भेदभाव, और रोजगार। उन्होंने यह महसूस किया कि केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता लाना भी जरूरी है।

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सम्मान के लिए जताया आभार

सम्मेलन में सम्मान प्राप्त करते समय करम राम ने भारतीय दलित साहित्य अकादमी का दिल से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा, “यह सम्मान मेरा नहीं, बल्कि उन सभी का है जो मेरी इस यात्रा में सहभागी रहे। यह उन गुमनाम नायकों का सम्मान है, जिन्होंने हर चुनौती के बावजूद हार नहीं मानी और एक नए समाज के निर्माण के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। यह सम्मान मेरे लिए एक जिम्मेदारी भी है, जो मुझे और मजबूती से शोषित और वंचित समाज की आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेगा।”

संगठनों ने व्यक्त की खुशी

करम राम को यह सम्मान मिलने के बाद उनके क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक और शैक्षणिक संगठनों ने खुशी व्यक्त की। उनके साथियों और अनुयायियों ने इसे उनके संघर्ष और समर्पण की ऐतिहासिक पहचान के रूप में देखा। उनके सम्मान में आयोजित इस सम्मेलन में वक्ताओं ने करम राम के योगदान को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि उनका जीवन उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो समाज में समानता और न्याय की स्थापना के लिए कार्यरत हैं।

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भविष्य के लिए नई उम्मीद

इस सम्मान ने करम राम के संघर्षों को एक नई दिशा और ऊर्जा दी है। उन्होंने घोषणा की कि वे अब वंचित वर्ग के युवाओं को राजनीति, रोजगार, और शिक्षा में सशक्त बनाने के लिए एक नया अभियान शुरू करेंगे। करम राम का यह दृढ़ संकल्प न केवल उनके क्षेत्र में बल्कि पूरे देश में समानता और सामाजिक न्याय की अलख जगाएगा। चक्रवर्ती सम्राट अशोक नेशनल अवार्ड उनके संघर्ष की कहानी का एक अध्याय है, लेकिन उनकी यात्रा अभी जारी है।

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