बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर दलितों के वोट के लिए छलावा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये पार्टियाँ पूंजीपतियों से धन लेकर उनकी सेवा करती हैं, जबकि बसपा गरीबों और दलितों के हित में काम करती है। बहनजी ने कांग्रेस के आंबेडकर को लेकर प्रदर्शनों को दिखावा बताते हुए चुनावी बांड के जरिए भाजपा-कांग्रेस की पूंजीपति समर्थक राजनीति का पर्दाफाश किया।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि ये दोनों पार्टियाँ दलितों के वोट बैंक के लिए छलावा कर रही हैं। बहनजी ने कांग्रेस के आंबेडकर को लेकर हो रहे प्रदर्शनों को महज एक दिखावा बताते हुए कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर और उनके विचारों की सच्ची समर्थक नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये पार्टियाँ केवल चुनावी स्वार्थ के लिए आंबेडकर का नाम लेती हैं लेकिन असल में दलितों और गरीबों के हितों के खिलाफ काम करती हैं।
कांग्रेस की दोहरी राजनीति पर सवाल
बहनजी मायावती ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह पार्टी एक ओर संसद और सड़क पर पूंजीपतियों का विरोध करने का दिखावा करती है, वहीं दूसरी ओर उन्हीं पूंजीपतियों और धन्नासेठों से करोड़ों-अरबों का चंदा लेकर अपनी पार्टी चलाती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह दोहरा चरित्र उसकी कथनी और करनी में साफ झलकता है। मायावती बहनजी ने कांग्रेस पर बाबा साहेब और उनके अनुयायियों की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया और कहा कि दलित समाज को इस छलावे से सावधान रहने की जरूरत है।
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भाजपा पर भी तीखे प्रहार
बहनजी ने भाजपा को भी पूंजीपतियों की पार्टी बताते हुए कहा कि यह पार्टी भी गरीबों, किसानों और मजदूरों के खिलाफ काम करती है। उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2023-24 में भाजपा को सबसे ज्यादा चंदा मिला, जिससे यह साफ है कि यह पार्टी पूरी तरह से बड़े-बड़े धन्नासेठों के हितों के लिए काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने अपनी नीतियों से गरीबों और दलितों का शोषण किया है।
बसपा को बताया गरीबों की सच्ची पार्टी
बहनजी मायावती ने अपनी पार्टी बसपा को गरीबों और दलितों की सच्ची प्रतिनिधि बताते हुए कहा कि बसपा अकेली ऐसी पार्टी है जो अपने कार्यकर्ताओं के खून-पसीने की कमाई पर निर्भर करती है और किसी भी पूंजीपति से चंदा नहीं लेती। उन्होंने कहा कि बसपा की राजनीति पूरी तरह से गरीबों, किसानों और दलितों के हितों को समर्पित है, जबकि भाजपा और कांग्रेस केवल चुनावी स्वार्थ के लिए गरीबों और दलितों की बात करती हैं।
चुनावी बांड पर सवाल और विरोधी पार्टियों का पर्दाफाश
मायावती बहनजी ने चुनावी बांड का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इन बांड्स के जरिए भाजपा, कांग्रेस और अन्य पार्टियाँ बड़े-बड़े पूंजीपतियों से अकूत धन प्राप्त करती हैं। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम गरीबों और आम जनता के खिलाफ है और इससे यह साफ हो जाता है कि ये पार्टियाँ पूंजीपतियों के हित साधने के लिए काम कर रही हैं। मायावती बहनजी ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के इस दोहरे चरित्र और छलावे को जनता को समझना होगा और उनके बहकावे में नहीं आना चाहिए।
दलितों के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप
मायावती के इस बयान ने दलित राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों को दलित विरोधी और पूंजीपति समर्थक करार देते हुए अपनी पार्टी को साफ और गरीबों के हित में काम करने वाली पार्टी बताया है। उनका यह बयान आगामी चुनावों में दलित वोट बैंक को लेकर सभी पार्टियों के बीच गहराते संघर्ष को और तेज कर सकता है।
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