लखनऊ ब्यूरो: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा जिलें (Mathura) में श्रीकृष्ण जन्मस्थान (Sri Krishna Janmasthan) और शाही ईदगाह (Shahi Eidgah) मामले पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी. लेकिन कंडोलेंस होने की वजह से कोर्ट में सुनवाई नही हो पाई. आज सिविल कोर्ट में श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट (Sri Krishna Janmasthan Trust) की 13.37 एकड़ भूमि मुक्त कराने और शाही ईदगाह में लड्डू गोपाल का अभिषेक करने पर बहस होनी थी. यह मामला अखिल भारत हिन्दू महासभा (Akhil Bharatiya Hindu Mahasabha) के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने दाखिल किया था. अब इन दोनों मामलों की सुनवाई 5 अगस्त को की जाएगी.
न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई होनी थी. जिसमें हरिशंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री, विष्णु जैन ने सिविल जज कोर्ट के सामने अपना जवाब प्रस्तुत किया था. जिसपर शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की तरफ से जवाब दिया जाना था.
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मामले की शुरुवात कब हुई
श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट ने सितम्बर 2020 में मथुरा की निचली अदालत में आवेदन दाखिल किया था. जिसमें ट्रस्ट की 13.37 एकड़ जमीन मुक्त कराने को कहा गया था. जिसको कोर्ट ने खारिज कर दिया था. उसके बाद वादी पक्ष ने जिला जज कोर्ट में आवेदन रिवीजन के लिए दाखिल किया था. जिसके बाद जिला जज की अदालत ने इसको स्वीकार करते हुए मामले को सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में चलाने का आदेश दिया था.
ट्रस्ट की 13.37 एकड़ भूमि पर विवाद
उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने एडवोकेट हरी शंकर जैन, विष्णु जैन सहित 6 लोगों के साथ मिलकर कोर्ट में मामला दाखिल किया था. इस मामले में श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त कराने की मांग की गई थी. इस जमीन में करीब 11 एकड़ पर श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर है और बाकी हिस्से में शाही ईदगाह बनी हुई है.
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