Haryana Election: कांग्रेस और BJP ने आरक्षित सीटों पर जातिगत समीकरण साधा, जाने दलितों में किस जाति को कितनी दी सीट

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हरियाणा विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरणों के महत्व को देखते हुए, बीजेपी ने 17 आरक्षित सीटों पर 8 जाटव समाज से और 4 वाल्मीकि समाज से उम्मीदवारो को सीट दी हैं। वहीं कांग्रेस ने भी 17 आरक्षित सीटों पर पर 13 चमार, 1 सांसी, 1 धानक, 1 वाल्मीकि और 1 औढ़ उम्मीदवार को टिकट दिया है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरण हमेशा से ही प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं, और यह चुनाव भी इससे अलग नहीं है। चाहे कांग्रेस हो या भाजपा, दोनों ही पार्टियों ने इस बार जमकर सोशल इंजीनियरिंग का सहारा लिया है, ताकि विभिन्न समुदायों के वोट अपने पक्ष में कर सकें। उम्मीदवारों के चयन में दोनों पार्टियों ने जातिगत संतुलन साधने की कोशिश की है, क्योंकि राज्य की राजनीति में जाति का प्रभाव काफी गहरा है।

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कांग्रेस और बीजेपी की रणनीति

कांग्रेस ने जाट समुदाय पर विशेष ध्यान दिया है, जो हरियाणा में एक बड़ा और प्रभावशाली वोट बैंक है। इसके अलावा, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के उम्मीदवारों को भी कांग्रेस ने प्रमुखता दी है, ताकि वह एक व्यापक जनाधार तैयार कर सके। वहीं, भाजपा ने ओबीसी, सवर्ण और अनुसूचित जाति समुदायों के बीच संतुलन बनाते हुए अपने उम्मीदवारों का चयन किया है। भाजपा की रणनीति ओबीसी और अनुसूचित जाति को अपने पक्ष में लाने की रही है, क्योंकि यह समुदाय पिछले चुनावों में उसे सत्ता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।

BJP ने 17 सीटों पर SC वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट दिया

बीजेपी की रणनीति हरियाणा में जातिगत समीकरणों को साधने की रही है, जिसमें गैर-जाट समुदाय पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। पार्टी ने 17 सीटों पर अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिसमें 8 जाटव समाज से और 4 वाल्मीकि समाज से हैं। यह कदम पार्टी की ओबीसी और अनुसूचित जाति के समर्थन पर जोर देने की नीति को दर्शाता है, जो पहले भी भाजपा को दो बार सत्ता में ला चुका है।

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बीजेपी की रणनीति में जाट भी अहम

हालांकि, जाट समुदाय का प्रतिनिधित्व भी बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण है। जाटों के समर्थन को साधने के लिए पार्टी ने उन्हें भी अपने उम्मीदवारों में शामिल किया है, क्योंकि यह समुदाय हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण वोट बैंक है। इस तरह, बीजेपी की रणनीति में ओबीसी और अनुसूचित जाति के साथ-साथ जाटों का प्रतिनिधित्व भी एक अहम भूमिका निभाता है, जिससे पार्टी के लिए विभिन्न समुदायों के बीच संतुलन बनाना संभव हो पाता है।

कांग्रेस ने 17 सीटों पर SC वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट दिया

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आरक्षित सीटों पर जातिगत समीकरण साधने के लिए एक सुविचारित रणनीति अपनाई है। पार्टी ने 17 आरक्षित सीटों में से 13 पर चमार समुदाय के उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जबकि एक-एक टिकट सांसी, धानक, वाल्मीकि, और औढ़ समुदायों के उम्मीदवारों को दिया है। इस रणनीति के माध्यम से कांग्रेस ने विभिन्न अनुसूचित जाति (SC) उपसमूहों को प्रतिनिधित्व प्रदान करके उनका समर्थन हासिल करने की कोशिश की है। इससे पार्टी ने यह सुनिश्चित किया है कि हर समुदाय की आवश्यकता और अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए चुनावी मैदान में मजबूत स्थिति बनाई जा सके। यह जातिगत संतुलन कांग्रेस की कोशिश का हिस्सा है ताकि वह व्यापक जनाधार प्राप्त कर सके और चुनावी सफलता की दिशा में कदम बढ़ा सके।

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