MP: अंबेडकर की मूर्ति खंडित किये जाने पर भड़का दलित समाज: प्रदर्शन, ज्ञापन और चेतावनी

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दमोह जिले के पटेरा के कोटा गाँव में बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति खंडित होने की घटना से दलित समाज में आक्रोश है। आठ दिन बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर लोगों ने प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने अष्टधातु की मूर्ति लगाने, सीसीटीवी कैमरे लगवाने और शीघ्र कार्रवाई की मांग की। संगठनों ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी न होने पर देशव्यापी आंदोलन होगा।

MP: दमोह जिले के पटेरा थाना क्षेत्र के कोटा गांव में 19 दिसंबर को अज्ञात असामाजिक तत्वों द्वारा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा खंडित किए जाने की घटना ने दलित समाज को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के बाद से समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है। प्रशासन की समझाइश के बावजूद, घटना के आठ दिन बाद भी आरोपियों का कोई सुराग न लगने से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। दलित समाज के लोगों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह घटना सिर्फ मूर्ति खंडित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बाबा साहब के विचारों और दलित समाज के अधिकारों पर हमला है।

सड़कों पर उतरा दलित समाज, प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

आज दमोह में विपरीत मौसम के बावजूद बड़ी संख्या में दलित समाज के लोग जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुए और जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में भारतीय अहिरवाल सुरक्षा संघ सहित कई दलित संगठनों के लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर तुरंत कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में बाबा साहब की खंडित प्रतिमा को अष्टधातु की मूर्ति से बदलने और सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की गई। ज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया गया कि प्रशासन की असफलता से दलित समाज में असुरक्षा की भावना गहरी होती जा रही है।

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गिरफ्तारी न होने पर दिया देशव्यापी आंदोलन का अल्टीमेटम

दलित संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर डेढ़ महीने के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया और मांगे पूरी नहीं की गईं, तो देशभर से दलित समाज के लोग दमोह में एकत्रित होकर बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से उत्पन्न स्थिति को संभालना सरकार और प्रशासन के लिए मुश्किल हो जाएगा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बाबा साहब की मूर्ति पर हमला न केवल उनके योगदान का अपमान है, बल्कि यह समाज के मनोबल को कमजोर करने का प्रयास है, जिसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।

पुलिस के दावे और दलित समाज की नाराजगी

वहीं, पुलिस का कहना है कि आरोपियों की तलाश के लिए कई टीमों का गठन किया गया है और जांच जारी है। लेकिन समाज का कहना है कि यह सिर्फ आश्वासन देकर मामला शांत करने की कोशिश है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नौ दिन का समय पर्याप्त है, लेकिन प्रशासन ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई।

अष्टधातु की मूर्ति और सुरक्षा के उपाय की मांग

ज्ञापन में बाबा साहब की खंडित प्रतिमा की जगह अष्टधातु से बनी स्थायी मूर्ति लगाने की मांग की गई, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की गई, जिससे अपराधियों की पहचान करने में आसानी हो।

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दलित समाज की एकता और संकल्प

इस प्रदर्शन ने दिखा दिया कि बाबा साहब अंबेडकर के विचारों से प्रेरित दलित समाज अब अपने अधिकारों के लिए जागरूक है और किसी भी अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा हो सकता है। यह घटना दलित समाज के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें अपने अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष करना होगा।

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