अब वो दौर गया जब महिलाएं चार दीवारी के भीतर अपना पूरा जीवन काट दिया करती थी. पहले पिता, फिर पति और फिर बेटे पर आश्रित हुआ करती थी. मनुस्मृति जैसी किताब के नियम तले जिन्हें दबाया जाता था. ना पढ़ने का अधिकार था और ना ही समाज में मर्दों के कंधों से कंधा मिलाकर चलने का. लेकिन अब वक्त बदल गया है. राजस्थान की चंचल जाटव, दीपक जाटव और रिद्धिमा घारू जैसी बच्चियां समाज की उस मानसिकता पर चोट कर रही है जो कहती है कि महिलाएं सिर्फ चूल्हा चौका करती हुई अच्छी लगती हैं. चंचल जाटव, दीपिका जाटव और रिद्धिमा घारू ये तीनों दलित समाज से आने वाली वो बच्चियां हैं जिन्होंने 10वी की परीक्षा में टॉप करके ना केवल राजस्थान का नाम रोशन किया है बल्कि अपने समाज को भी गर्व करने का मौका दिया है.
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चंचल जाटव जो राजस्थान के डीग की रहने वाली हैं उन्होंने 10वी की परीक्षा में पूरे राजस्थान में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. उनके अलावा 9 बच्चे और हैं जो 99 प्रतिशत नंबरों के साथ दूसरे स्थान पर हैं लेकिन चंचल जाटव ने 99.83% नंबर लाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया है. वहीं दीपिका जाटव जो भरतपुर की रहने वाली हैं उन्होंने 10वी की परीक्षा में 99.67% नंबर लाकर पूरे भरतपुर में टॉप किया है. वहीं भीलवाड़ा की रहने वाली और वाल्मीकि समाज से आने वाली रिद्धिमा घारू ने 93.33 फीसदी नंबर लाकर ना केवल भीलवाड़ा का नाम रोशन किया है वाल्मीकि समाज का नाम भी रोशन किया है. इन तीनों बच्चियों ने ये दिखा दिया की जिस समाज पर सदियों तक जुल्म हुए. जिनके गले में मटकी और कमर पर झाड़ू बांधी गयी. जिस वाल्मीकि समाज के हाथों में झाड़ू देकर नाले और सीवर की सफाई तक सीमित कर दिया गया. अगर उस समाज के बच्चों के हाथ में कलम पकड़ाई जाए, उन्हें अवसर दिए जाए तो वो भी इतिहास लिखने से पीछे नहीं हटेंगे.
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बहरहाल, नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने चंचल जाटव और दिपिका जाटव से वीडियो कॉल पर बात की और उन्हें बधाई दी. आज़ाद समाज पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ये दोनों वीडियो शेयर की गयी. दोनों ही बच्चों को लगातार लोग पगड़ी और फूलो की माला पहना कर सम्मानित कर रहे हैं. चंद्रशेखर ने जब दोनों बेटियों से बात की तो कहा जितने नंबर आप एक बार में लेकर आए हो उतने हम तीन-चार बार में भी नहीं ला पाते थे. नगीना सांसद का ये मज़ाकिया अंदाज़ दोनों को बेहद पसंद आया. अपनी इस काबिलियत का पूरा श्रेय बाबा साहेब अंबेडकर को देते हुए चंचल और दीपिका ने IAS बनने की इच्छा जाहिर की. जिस पर चंद्रशेखर आजाद ने आगे की जिंदगी के लिए दोनों को शुभकामनाएं भी दी.