मैला ढोने की अमानवीय प्रथा: भारतीय समाज, राजनीति और नीति की विफलता

2019 में सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया कि भारत की नगरपालिकाएँ और पंचायतें स्वयं 54,098 सफाई कर्मचारियों को मैला ढोने के लिए नियुक्त […]

BHU में इस तरह मनाई गई संत गुरु रविदास जी की जयंती, रविदास के शिक्षाओं पर छात्रों ने बनाई चित्रकला !

“मन चंगा तो कठौती में गंगा” कहने वाले बनारस के महान संत रैदास ने आडंबर और जातिगत उत्पीड़न का जमकर विरोध किया था। आज उन्हीं […]

राजनीतिक पार्टियों के लिए सिर्फ एक मोहरा बन कर क्यों रह जाते हैं दलित ?

भारत में लोकतंत्र की नींव विविधता और सभी वर्गों के समान मताधिकार पर आधारित है। इसमें दलित समाज, जो भारतीय जनसंख्या का एक महत्वपूर्ण और […]

केजरीवाल का कबूलनामा: “मैं तीन वादे पूरे नहीं कर सका…”, नई डेडलाइन या गुमराह करने की कोशिश?

अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार किया कि उन्होंने दिल्ली में तीन बड़े वादे – यमुना की सफाई, स्वच्छ पेयजल, और सड़कों को यूरोपीय मानक का बनाना […]

दिल्ली चुनाव 2025: बहुजन राजनीति के सारथी – श्री आकाश आनंद

2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी की बागडोर युवा […]

दिल्ली चुनाव 2025: DTC बसों की कमी पर केजरीवाल सरकार पर सवाल, महिलाओं के मुफ्त यात्रा के दावों पर उठे सवाल

दिल्ली चुनाव 2025 में भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर डीटीसी बसों की घटती संख्या और महिलाओं की मुफ्त यात्रा योजना के वादों को लेकर सवाल […]

दिल्ली चुनाव के बीच केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ीं, ED को मिली मंजूरी, जिसका था इंतजार

दिल्ली चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गृह मंत्रालय ने दिल्ली शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर प्रवर्तन निदेशालय […]

“क्या दिल्ली को ‘बार की राजधानी’ बनाना चाहती है आप सरकार?”, शराब नीति पर फिर अड़ी जब CM आतिशी

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने विवादित शराब नीति को दोबारा लागू करने के संकेत दिए हैं, जिसे पहले घोटाले के आरोपों के चलते वापस […]

“बहनजी” : वो आयरन लेडी जिसे एक पूरा समाज राष्ट्र गौरव कहता है !

वह संघर्ष, साहस और दृढ़ निश्चय की जीवंत प्रतिमा हैं। उन्होंने अपनी कठिनाइयों को अपनी ताकत बनाया और देश के हर कोने में यह संदेश […]

सेप्टिक टैंकों में उतरने के लिए मजबूर करते हैं अधिकारी, मौत के बाद पूछने भी नहीं आए : पीड़ित दलित पिता की आपबीती

हमने गेट कूदकर अंदर प्रवेश किया। मुझे कुछ गलत होने का एहसास हुआ और मैंने भूमिगत टैंकों को देखना शुरू किया और वहीं 12 फीट […]