उत्तर प्रदेश में दलित परिवार के घर जन्मदिन समारोह के दौरान गांव के चार दबंगों ने जातिसूचक गालियां देते हुए पथराव किया और महिलाओं से अभद्रता की। पुलिस ने चार आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
उत्तर प्रदेश के बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र के सिनइया परातासपुर गांव में एक दलित परिवार के घर में जन्मदिन समारोह के दौरान बड़ी ही दर्दनाक और शर्मनाक घटना घटी। बुधवार की रात दलित परिवार अपने घर में एक बच्चे का जन्मदिन मना रहा था। इस मौके पर ढोल-नगाड़ों की धुन पर महिलाएं खुशी के साथ नृत्य कर रही थीं और हर कोई इस छोटे से कार्यक्रम में भाग ले रहा था। इसी बीच गांव के कश्यप समाज के चार दबंगों ने मौके पर पहुंचकर जातिसूचक अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए पथराव कर दिया, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
ढोल की धुन पर नाच रही महिलाओं को बनाया निशाना
रात करीब दस बजे जब महिलाएं ढोल की धुन पर नृत्य कर रही थीं, तब कश्यप समाज के गंठा, सचिन, धर्मवीर, और रोहित वहां आ धमके। आरोपियों ने न केवल कार्यक्रम में खलल डाला बल्कि महिलाओं पर अभद्र टिप्पणियाँ कीं और उनकी खुशियों को तहस-नहस कर दिया। विरोध करने पर आरोपियों ने बदतमीज़ी बढ़ा दी और जातिसूचक गालियाँ देने लगे। इस पर भी उनका गुस्सा ठंडा नहीं हुआ और उन्होंने पथराव शुरू कर दिया, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। समारोह में आए लोग डर के मारे इधर-उधर भागने लगे, जबकि महिलाएं और बच्चे भयभीत हो गए।
धमकी देकर घटनास्थल से फरार
इस भयावह घटना के बाद दबंगों ने पीड़ित परिवार के अन्य सदस्यों को जान से मारने की धमकी दी और बिना किसी भय के घटनास्थल से फरार हो गए। परिवार के सदस्यों ने पूरी रात इस खौफनाक मंजर को झेलते हुए बिताई। अगले दिन, पीड़ित परिवार ने बिथरी चैनपुर थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चारों आरोपियों पर जातीय अत्याचार और महिलाओं के साथ अभद्रता का मामला दर्ज किया और अब जांच प्रक्रिया जारी है।
गांव में बढ़ा तनाव, न्याय की मांग
इस घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल बन गया है। दलित समुदाय के लोग आक्रोश में हैं और इस घटना को लेकर न्याय की मांग कर रहे हैं। गांव के वरिष्ठ नागरिक और समाजसेवक भी इस घटना की निंदा कर रहे हैं और गांव में जातीय हिंसा के बढ़ते मामलों पर चिंता जता रहे हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग हो रही है।
जातीय भेदभाव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत
यह घटना एक बार फिर से समाज में जातीय भेदभाव और दलितों के साथ होने वाले अत्याचार की हकीकत को सामने लाती है। जिस प्रकार से एक साधारण से जन्मदिन समारोह को बदमाशों ने जातीय हिंसा में तब्दील कर दिया, उससे न केवल परिवार बल्कि पूरा समुदाय स्तब्ध है।
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।