दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने भाजपा पर दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आरक्षण में कटौती और शोषण जैसी नीतियां उनके खिलाफ हैं। उन्होंने जामिया में भेदभाव और दिल्ली सरकार की नीतियों की भी आलोचना की। यादव ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस आगामी चुनाव अकेले लड़ेगी और भाजपा व आप की नीतियों से जनता को बचाने का संकल्प लिया।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा का रवैया दलितों और पिछड़े वर्गों के प्रति शोषणकारी और उनके अधिकारों को कमजोर करने वाला रहा है। यादव ने दावा किया कि आरक्षण नीति में कटौती के प्रयास और सरकारी ठेकेदारी व्यवस्था में दलितों का शोषण यह दिखाता है कि भाजपा संवैधानिक अधिकारों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा, “संविधान में जो अधिकार दलितों को दिए गए हैं, विशेष रूप से आरक्षण, वह भाजपा की नीतियों के चलते प्रभावित हो रहे हैं। यह न केवल समाज के कमजोर वर्गों को कमजोर करने का प्रयास है, बल्कि देश की एकता और समानता के लिए भी खतरनाक है।”
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भेदभाव का मुद्दा उठाया
देवेंद्र यादव ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिम छात्रों के साथ हो रहे कथित भेदभाव का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का भेदभाव अस्वीकार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी ऐसी घटनाओं को प्रमुखता से उठाएगी। यादव ने कहा, “अगर कोई धर्म परिवर्तन लालच या दबाव में करता है, तो यह उसकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है, लेकिन इसके नाम पर भेदभाव को बढ़ावा देना निंदनीय है।”
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आप सरकार पर भी साधा निशाना
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को भी निशाने पर लेते हुए यादव ने कहा कि जनता का अब इस सरकार से भरोसा उठ चुका है। उन्होंने कहा, “दिल्ली की जनता ने पहले आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया था, लेकिन अब उनके और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप के खेल से लोग परेशान हो चुके हैं। जनता अब बदलाव चाहती है, और कांग्रेस इस बदलाव का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।”
आम आदमी पार्टी से गठबंधन की संभावना खारिज
यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस का दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को रोकने के लिए गठबंधन किया गया था, लेकिन दिल्ली और पंजाब के चुनावों में आप के साथ साझेदारी का अनुभव निराशाजनक रहा। यादव ने कहा, “दिल्ली और अन्य राज्यों में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी और जनता को बेहतर विकल्प देगी। आम आदमी पार्टी की नीतियों और कार्यशैली ने हमें यह निर्णय लेने के लिए मजबूर किया है।”
भाजपा और आप की नीतियां जनता को कर रही हैं परेशान
देवेंद्र यादव ने भाजपा और आप दोनों पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों पार्टियों की नीतियां जनता के हितों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश में विभाजन और नफरत की राजनीति को बढ़ावा दिया है, जबकि आप ने दिल्ली में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था को जन्म दिया है। कांग्रेस नेता ने कहा, “जनता अब इन दोनों पार्टियों से ऊब चुकी है और कांग्रेस को एकमात्र विकल्प के रूप में देख रही है।”
कांग्रेस का फोकस अकेले लड़ने पर
यादव ने कहा कि कांग्रेस अब हर राज्य में अकेले लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी के पास न केवल बेहतर नेतृत्व है, बल्कि समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का अनुभव भी है। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर एक मजबूत भारत बनाना है। आने वाले चुनावों में कांग्रेस अकेले ही बेहतर प्रदर्शन करेगी।”
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भाजपा के खिलाफ राष्ट्रव्यापी रणनीति का आह्वान
अंत में, देवेंद्र यादव ने भाजपा की नीतियों को संविधान और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जनता के बीच जाएं और भाजपा की नीतियों के खिलाफ एक मजबूत जनाधार तैयार करें। यादव ने कहा, “यह समय है कि हम देश को विभाजन और नफरत की राजनीति से बचाने के लिए एकजुट हों। कांग्रेस ही इस लड़ाई को मजबूती से लड़ सकती है।”
देवेंद्र यादव का यह बयान कांग्रेस के आगामी चुनावी रणनीति का संकेत देता है। जहां भाजपा और आप पर उनके आरोप राजनीति को नई दिशा दे सकते हैं, वहीं कांग्रेस की अकेले लड़ने की नीति उसे जनता के करीब ला सकती है। अब देखना होगा कि दिल्ली और अन्य राज्यों में कांग्रेस कितना प्रभाव डाल पाती है।
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