दलित समाज के दुश्मन हैं बीजेपी और कांग्रेस! SC/ST और OBC के साथ हो रही है साजिश’ ; आकाश ने कही ये बातें

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आकाश आनंद ने हाल ही में भाजपा और कांग्रेस पर तीखे हमले किए हैं। उन्होंने दोनों दलों को दलित समाज का विरोधी बताया है। और कहा SC/ST और OBC वर्ग के साथ साजिश की जा रही है उनका हक मारा जा रहा है । साथ ही उन्हें केवल वोटों के रूप में देखा जाता है ।

आकाश आनंद, जो मायावती के भतीजे और बसपा के प्रमुख चेहरों में से एक हैं, ने हाल ही में भाजपा और कांग्रेस पर तीखे हमले किए हैं। उन्होंने दोनों दलों को दलित समाज का विरोधी बताया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और बसपा प्रमुख मायावती का भी हमेशा से यही कहना रहा है कि ये दोनों पार्टियां दलित समाज के दुश्मन हैं। उनका यह बयान बसपा के राजनीतिक दृष्टिकोण को और स्पष्ट करता है, जिसमें वे मुख्य धारा की पार्टियों को दलित समुदाय के खिलाफ मानते हैं। उनका यह बयान राजनीतिक माहौल में चर्चा का विषय बना हुआ है, खासकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में, जहां बसपा दलित राजनीति का एक बड़ा चेहरा है।

भाजपा और कांग्रेस पर लगाया आरोप

आकाश आनंद ने अपने बयान में यह भी कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों एससी-एसटी, ओबीसी के हक को मारते हैं और फिर संसद में संविधान बचाने का ढोंग करते हैं। उनका यह तंज मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों पर था, जिन पर अक्सर यह आरोप लगाया जाता है कि वे सामाजिक न्याय के मुद्दों पर दिखावे की राजनीति करती हैं लेकिन हाशिए पर रहने वाले समुदायों के वास्तविक हितों की रक्षा नहीं करतीं।

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यह बयान दलित और पिछड़े वर्गों के हक और अधिकारों के मुद्दे पर बसपा की कट्टर नीति और दृष्टिकोण को दर्शाता है, जहां वे एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा की मांग करते हैं।

SC/ST OBC के साथ साजिश की जा रही है

आकाश आनंद ने ट्विटर पर एक पोस्ट में अखबार के कुछ नमूने साझा किए और लिखा, “एक-एक लाइन पढ़िए, इस अखबार की एक-एक लाइन पढ़िए और समझिए कि SC/ST OBC वर्ग के साथ कैसे साजिश की जा रही है।” उन्होंने किसानों के हितों की बात करते हुए बताया कि कृषि संस्थानों में इन समुदायों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है।

 

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पर उठाया सवाल

उन्होंने इस मुद्दे को भी उठाया कि 2007 से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) में उच्च पदों पर नियुक्तियों में आरक्षण नियमों की अनदेखी की जा रही है। उनका कहना है कि सभी पदों को लेटरल एंट्री के माध्यम से भरा गया और यह प्रक्रिया संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, क्योंकि इसमें आरक्षण प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

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यह पोस्ट आरक्षण नीति के प्रति उनकी गंभीरता और संबंधित समुदायों के अधिकारों की रक्षा के प्रति उनके संघर्ष को दर्शाता है। आकाश आनंद इस प्रकार के मुद्दों को उजागर कर यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे प्रमुख संस्थान और सरकारें आरक्षण नियमों का पालन करने में विफल हो रही हैं, जो कि दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों के संवैधानिक अधिकार हैं।

SC/ST OBC को सिर्फ वोटों के लिए याद किया जाता है

आकाश आनंद ने अपने बयान में बीजेपी और कांग्रेस जैसी उन राजनीतिक दलों पर कड़ा प्रहार किया है जो दलित, ओबीसी और एससी-एसटी वर्गों से केवल वोट लेने के लिए जुड़ते हैं, लेकिन उनके अधिकारों की रक्षा नहीं करते। उन्होंने कहा, “ये अजब गजब लोग हैं। इनको सिर्फ हमारे वोट से मतलब है, ये हमारे हक पर डाका डालेंगे। ये संविधान की कसम खाएंगे और आरक्षण खत्म करेंगे।”

ये संविधान की कसम खाएंगे और आरक्षण खत्म करेंगे

इस बयान से साफ है कि आकाश आनंद इन राजनीतिक दलों पर यह आरोप लगा रहे हैं कि वे संविधान की शपथ लेकर भी आरक्षण जैसी संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश करते हैं। यह संदेश दलित और पिछड़े वर्गों के हितों की सुरक्षा और उनके संवैधानिक अधिकारों को बरकरार रखने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 

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