स्कूल, जहां सही गलत की सीख दी जाती है. जहां सारी रुढ़ीवादी मानसिकता को खत्म कर अच्छाई और बुराई के अंतर को समाझाया जाता है. बच्चों का मानसिक विकास किया जाता है.लेकिन गोपालगंज से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जो कि स्कूल की इस परिभाषा को नकारती नज़र आ रही है.गोपालगंज के एक स्कूल में प्रधानाध्यापिका पर दलित बच्चों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा है.
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आपको बता दें कि मामला फुलवरिया प्रखंड के माध्यमिक विद्यालय कमलाकांत करारिया का है. जहां प्रधानाध्यापिका सुधा कुमारी पर महादलित के बच्चों से भेदभाव करने का आरोप लगाया गया है.
महादलित के बच्चों और उनके अभिभावकों का आरोप है कि बच्चों को स्कूल में पानी की टंकी से पानी नहीं पीने दिया जाता है. उनके लिए पानी पीने पर पाबंदी लगा दी गई है. यहां तक की उन्हें स्कूल में शौचालय का भी उपयोग नहीं करने दिया जाता है
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मामले के सम्बंध में दलित बच्चों के परिजनों ने जिले के डीएम से न्याय की गुहार लगाई है. परिजनो ने गोपालगंज समाहरणालय में डीएम से मुलाकात कर शिकायत करते हुए कहा कि ये सभी बच्चे महादलित समुदाय से आते हैं. इसलिए उनके साथ छुआछूत और भेदभाव किया जा रहा है. ग्रामीणों के अनुसार इसकी शिकायत उन्होंने स्थानीय प्रखंड पदाधिकारी से भी की है, लेकिन मामले में अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसके बाद दलित परिजनों को न्याय की गुहार लगाने जिले के डीएम के पास जाना पड़ा।