दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति की तानाशाही कार्यशैली का विरोध करते हुए समाजसेवी डॉ संपूर्णानंद मल्ल बीते पांच दिन से आमरण अनशन पर है। जिस पर भीम आर्मी चीफ ने कहा ट्वीट कर योगी सरकार की चुप्पी पर जवाब मांगा है।
भीम आर्मी चीफ ने चन्द्रशेखर आज़ाद ने कहा कि “गोरखपुर विश्वविद्यालय के 17 प्री पीएचडी, शोधार्थियों पर जिसमे 8 महिलाएं,1 प्रोफेसर का निलंबन और 7 प्रोफेसर की एक दिन की सैलरी रोक कर सर्विस ब्रेक कर दिया। वरिष्ठ समाजसेवी डॉ संपूर्णानंद मल्ल, आज 5 वे दिन भी आमरण अनशन पर है। इस तानाशाही पर @myogiadityanath जी चुप क्यों हैं?”
गोरखपुर विश्वविद्यालय के 17 प्री पीएचडी, शोधार्थियों पर जिसमे 8 महिलाएं,1 प्रोफेसर का निलंबन और 7 प्रोफेसर की एक दिन की सैलरी रोक कर सर्विस ब्रेक कर दिया।
वरिष्ठ समाजसेवी डॉ संपूर्णानंद मल्ल, आज 5 वे दिन भी आमरण अनशन पर है।
इस तानाशाही पर @myogiadityanath जी चुप क्यों हैं?— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) January 31, 2022
बता दे कि विश्वविद्यालय के सामने अनशन पर बैठने को लेकर डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने बताया था कि उनका यह अनशन उनकी मांगों के पूरा होने तक जारी रहेगा। डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने जिलाधिकारी, गोरखपुर को संबोधित पत्र में कहा था कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के तानाशाही प्रवृत्ति, वित्तीय अनियमितता के विरुद्ध मैंने महामहिम कुलाधिपति महोदया को मैंने तीन पत्र प्रेषित किया परंतु उत्तर नहीं मिला। क्या इस लोकतंत्र में मुझे जवाब पाने का भी अधिकार नहीं है?
उन्होंने कहा कि “जवाबदेहीहीन इस लोकतंत्र पर कैसे भरोसा करू? क्या राजभवन बहरा है? अंग्रेजों की तरह। बहरे राजभवन को सुनाने के लिए चौथे दिन से अनशन विश्वविद्यालय गेट पर करूंगा। अनशन मृदुता एवं शांति के साथ करूँगा।भगत एवं गांधी की संतान हूँ।सत्य मेरा धर्म है। मेरे लिए मनुष्य अंतिम सत्य है। इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि शांति एवं मृदुता के जिस रास्ते चलकर में आमरण अनशन कर रहा हूं वही व्यवहार शासन प्रशासन मेरे अनशन के साथ अपनाए ।यदि सत्ता ने मेरे आमरण अनशन के साथ बल प्रयोग किया तो प्राण त्याग के लिए बाध्य होऊंगा।”
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