देश में बुधवार 21 अगस्त को हुए भारत बंद को लेकर विपक्षी दलों में श्रेय लेने की होड़ मची हुई है। इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी ने राजनीती में फिर से एंट्री कर ली है. बसपा की प्रमुख मायावती ने भारत बंद की सफलता पर सभी को बधाई दी है।
Bharat Bandh: भारत बंद का विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने भी समर्थन किया है। इसमें प्रमुख रूप से बहुजन समाज पार्टी(बसपा), राष्ट्रीय लोक दल(प), आजाद समाज पार्टी(कांशीराम) और अन्य संगठनों की ओर से भी भारत बंद का समर्थन किया गया। जिस पर मायावती ने कहा है कि भारत बंद के दौरान बीएसपी ने प्रभावी भागीदारी और एकजुटता दिखाई। लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के जैसे दलों ने इसके प्रति उदासीन रवैया ही दिखाया, जो इनकी जातिवादी सोच दिखा रहा है। मायावती ने इस दौरान केंद्र सरकार से मांग भी कि इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए जल्द समाधान करें।
भारत बंद में BSP की भागीदारी और एकजुटता
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट के SC/ST आरक्षण के वर्गीकरण और क्रीमी लेयर के निर्णय से उत्पन्न रोष को लेकर कल हुए भारत बंद में बीएसपी की प्रभावी भागीदारी और एकजुटता के कारण सफलता पर सभी को बधाई। हालांकि, कांग्रेस और सपा जैसे दलों का इसके प्रति उदासीन रवैया उनकी जातिवादी सोच को प्रमाणित करता है।”
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मायावती के एक के बाद एक ट्वीट
मायावती ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, “कल बंद के दौरान पटना/बिहार में निर्दोष लोगों पर पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज और बर्बरता अत्यंत दुखद और निंदनीय है। सरकार को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही, केंद्र सरकार को ‘भारत बंद’ के आयोजन की संवेदनशीलता को गंभीरता से लेते हुए आरक्षण के मुद्दे का शीघ्र और उचित समाधान करना चाहिए।”
बसपा ने राजनीती में फिर से मारी एंट्री
भारत बंद में चारो तरफ केवल बसपा ही बसपा नजर आ रही थी। बसपा ने पूरे देश में सरकार को अपनी ताकत का लोहा मनवा दिया है कि बसपा सत्ता में ना होते हुए भी सरकार को हिलाने का दम रखती है . उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में बसपा और जय भीम के झंडे के साथ बसपा समर्थकों ने रैली निकाली और SC, ST आरक्षण में वर्गीकरण का विरोध किया। भारत बंद की पूरी प्रक्रिया को देखते हुए लोग कह रहे हैं कि, बहुजन समाज पार्टी ने राजनीती में फिर से एंट्री कर ली है। हालांकि बसपा राजनीति से बाहर कभी नहीं थी कि उसे वापस एंट्री लेने की ज़रूरत पड़े। लेकिन पिछले कुछ चुनावों में बसपा के प्रदर्शन को देखते हुए राजनीति में उसके संकुचन की बात कही जा रही है।
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भारत बंद और मायावती :
बता दें, एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने (SC-ST) आरक्षण में सब कैटेगरी को लेकर फैसला सुनाया था. और इसी कारण 21 अगस्त को आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने भारत बंद बुलाया था. कई विपक्षी नेताओं ने इस फैसले का विरोध किया. इसके अलावा कई दलित संगठनों ने आपत्ति भी जताई। लेकिन बसपा प्रमुख मायावती ने ‘भारत बंद’ का समर्थन किया और उनकी अगुवाई में शान्ति पूर्ण प्रदर्शन कर दलित और आदिवासी समाज ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया।
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