Ayodhya Rape Case: दलित की मां काटती रही थाने के चक्कर लेकिन FIR लिखी नहीं; नेता दलित के घर चुनावी कारणों से पहुंच रहे!

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अयोध्या में दलित बच्ची के साथ बलात्कार की घटना के बाद पुलिस ने आरोपी शहबान के पैर में गोली मारी। मीडिया से बातचीत में पीड़िता की मां ने बताया कि उसने थाने में कई बार जाकर शिकायत की, लेकिन वहां पर उसकी FIR तक नहीं दर्ज की गई। 

UP News : अयोध्या में दलित बच्ची के साथ बलात्कार की घटना के बाद पुलिस ने आरोपी शहबान के पैर में गोली मारी। FIR दर्ज करने के 24 घंटे के भीतर यह मुठभेड़ हुई। इस घटना के बाद राजनीतिक नेताओं ने सक्रियता दिखाई। बीजेपी और बसपा के नेता पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें आर्थिक सुरक्षा का आश्वासन दिया। बीजेपी नेताओं ने पीड़िता के परिवार को हरसंभव मदद का वादा किया, जबकि बसपा नेताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार की नाकामी पर सवाल उठाते हुए बुनियादी सुविधाओं की कमी की आलोचना की।

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पीड़िता का परिवार दहशत में है

इन आश्वासनों के बावजूद, पीड़िता का परिवार दहशत में है। मीडिया से बातचीत में, मां ने बताया कि उसकी बेटी के साथ खेत पर बलात्कार किया गया। शहबान ने इस अपराध को अंजाम दिया और उसके दोस्त मानू ने धमकी दी कि यदि उसने किसी को बताया, तो उसे जान से मार डालेगा। इस धमकी के कारण, बेटी ने घटना के बारे में कुछ नहीं बताया और मानसिक तनाव के चलते बीमार हो गई। परिवार को स्थिति की गंभीरता का पता तब चला जब बेटी ने रोते हुए पूरी घटना की जानकारी दी।

पीड़िता की मां से लगाए आरोप

महिला के अनुसार, शहबान ने उसके घर पर धमकाया और उसे परेशान किया। उसने यह भी दावा किया कि उसने अयोध्या के थाने में कई बार जाकर शिकायत की, लेकिन वहां पर उसकी FIR तक नहीं दर्ज की गई। इस स्थिति ने महिला को और भी परेशान कर दिया है, और उसने पुलिस पर नकारात्मक कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। ऐसे मामलों में पुलिस की तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता होती है ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके और आरोपी के खिलाफ उचित कानूनी कदम उठाए जा सकें।

रेप कांड के बाद सियासत गर्मा गई

अयोध्या में हुए खंडासा रेप कांड के बाद सियासत गर्मा गई है। इस घटनाक्रम पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ तेज़ हो गई हैं। शुक्रवार को बीजेपी के पूर्व सांसद लल्लू सिंह और महंत राजू दास पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे और घटना की गंभीरता को लेकर चिंता व्यक्त की। इसी तरह, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल भी पीड़िता के घर पहुंचे और उत्तर प्रदेश में “जंगलराज” का आरोप लगाया।

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विभिन्न पार्टियों के नेता दलित के घर पहुंच रहे हैं

इसके अलावा, जिला पंचायत अध्यक्ष आलोक सिंह और महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि बीजेपी परिवार की मदद के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि परिवार को किसी से डरने की जरूरत नहीं है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

इस बीच, अयोध्या कलेक्ट्रेट से राजस्व विभाग की टीम ने आरोपी शहबान की जमीन की पैमाइश की है। इस रिपोर्ट को डीएम कार्यालय में प्रस्तुत किया जाएगा, जो संभवतः कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई में सहायक होगी। सियासी हलचल के साथ-साथ, प्रशासनिक और कानूनी प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ रही है।

यूपी में जगह-जगह रेप की घटनाएं

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने अयोध्या में हुए रेप कांड को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में जगह-जगह रेप की घटनाएं हो रही हैं और यह सरकार की नाकामी का नतीजा है। पाल ने आरोप लगाया कि पीड़िता के गांव में 78 सालों में बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी विकास नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि बीजेपी शासन की असफलता और प्रशासन की लापरवाही है। पाल ने जोर देते हुए कहा कि रेप के आरोपी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए और पीड़िता को आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए।

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बीजेपी नेताओं ने पीड़िता को मदद देने का वादा किया

इस पर बीजेपी नेताओं ने प्रतिक्रिया दी। जिला पंचायत अध्यक्ष आलोक सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और पीड़िता के परिवार से मिलकर उनकी मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों के आने-जाने के लिए सड़क की व्यवस्था की जाएगी और विद्युत विभाग से बातचीत करके गांव में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। बीजेपी नेताओं ने पीड़िता के परिवार को हर संभव मदद देने का वादा किया और संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

नेता चुनावी कारणों से दलित पीड़िता के घर पहुंचे

यह सवाल उठता है कि क्या सभी नेता सिर्फ चुनावी कारणों से ही दलित पीड़िता के घर पहुंच रहे हैं। नेताओं की सक्रियता अक्सर चुनावी राजनीति से जुड़ी होती है, और इस तरह की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने के पीछे राजनीतिक लाभ का विचार भी होता है।

हालांकि, यह भी संभव है कि नेताओं की मुलाकात पीड़िता के परिवार को समर्थन और न्याय दिलाने के लिए हो। लेकिन इस मामले में यह महत्वपूर्ण है कि नेताओं और सरकारी अधिकारियों की कार्रवाई केवल घोषणाओं तक सीमित न रहे, बल्कि वास्तविक मदद और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

यह देखना भी आवश्यक है कि पीड़िता के परिवार को दी गई आश्वासनों को कैसे लागू किया जाता है और उन्हें न्याय प्राप्त करने में कोई रुकावट तो नहीं आती।

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