बुरा न मानो, होली है कहकर रंगों की आड़ में हो रहा स्त्री अस्मिता का हनन !

होली को रंग, उमंग और भाईचारे का त्योहार कहा जाता है, लेकिन क्या यह वास्तव में सभी के लिए समान रूप से आनंददायक और सुरक्षित […]

माता सावित्रीबाई फूले और उनकी ऐतिहासिक प्रासंगिकता

माता सावित्रीबाई फूले ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई पहल कीं जैसे विधवा पुनर्विवाह को बढ़ावा देना और गर्भवती विधवाओं को समाज के […]

बिना दलित महिलाओं की भागीदारी के खोखला है महिला सशक्तिकरण !

दलित महिलाओं के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता की राह बेहद कठिन होती है। उन्हें रोजगार के सीमित अवसर ही मिलते हैं, और यदि वे किसी नौकरी […]

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