शर्मिष्ठा पनोली के मामले में क्यों छिड़ी ब्राह्मणवाद की बहस ?

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शर्मिष्ठा पनोली, यह वो नाम है जो काफी समय से सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। और उससे भी ज़्यादा चर्चा इस बात की है कि किस तरह अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के लिए ब्राह्म्ण समाज से आने वाली वेस्ट बंगाल की सीएम ममता बनर्जी एक दलित लड़की की गिरफ्तारी करवा रही है। वहीं कुछ लोगों ने कहा की ब्राह्म्ण ममता बनर्जी आदिवासी लड़की को अपनी गंदी राजनीति का शिकार बना रही है। अब शर्मिष्ठा दलित है या आदिवासी ? और क्यों ममता बनर्जी ने 18,00 किलोमीटर दूर अपनी पुलिस भेज कर शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी करवाई ? सब पर बात करेंगे लेकिन उससे पहले कौन है शर्मिष्ठा पनोली और उनसे जुड़ा पूरा विवाद क्या है वो जान लेते हैं।

दरअसल शर्मिष्ठा पनोली एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर है। वह कोलकाता के आनंदपुर की रहने वाली है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरन शर्मिष्ठा ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने बॉलीवुड के मुस्लिम एक्टरों की चुप्पी और इस्लाम पर विवादित बयान दिया था। देखते ही देखते ये वीडियो आग की तरह फैल गया। AIMIM के प्रवक्ता वारिस पठान ने भी शर्मिष्ठा की वीडियो पर अप्पति दर्ज की थी।

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हालांकि शर्मिष्ठा ने इसके बाद माफ़ी मांगते हुए वीडियो डिलीट कर दिया था लेकिन इस बीच उन पर पश्चिम बंगाल में कई FIR दर्ज हो गयी थी। 31 मई को बंगाल पुलिस ने उन्हें हरियाणा के गुडगांव से गिरफ्तार किया था। 3 जून को कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए जमानत देने से मना कर दिया कहा कि “दो दिन जेल में रह लेगी तो आसमान नहीं गिर जाएगा, वीडियो बनाने से पहले सोचना चाहिए था” और अगली सुनवाई के लिए 5 जून की तारीख दे दी. हाईकोर्ट से जेल जाने के दौरान शर्मिष्ठा ने कहा कि ‘लोकतंत्र में इस तरह की प्रताड़ना, यह लोकतंत्र नहीं है.’

सोशल मीडिया पर इस्लाम को मानने वाले जहाँ शर्मिष्ठा के खिलाफ लिख रहे हैं वहीं अंबेडकरवादी खेमा शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को ब्राह्ण्म मुख्यमंत्री की तानाशाही बता रहें हैं. मिशन अंबेडकर के संस्थापक सुरज कुमार बौद्ध ने इस मुद्दे पर कहा, “ट्विटर पर अनेकों द्विज हिंदू हैं जो शर्मिष्ठा के मामले में दलितों को टारगेट करते हुए अंट-शंट सवाल कर रहे हैं। सीधे कहो न कि ममता बनर्जी ब्राह्मण हैं। और वह तुष्टिकरण के चक्कर में दलित बेटी की बलि चढ़ा रही हैं। तुम्हारी ‘गंगा-जमुनी तहजीब’ की सच्चाई यही है।“

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वही सुप्रीम कोर्ट के वकील नितिन मैश्राम ने कहा,” ऑपरेशन सिंदूर में भारत देश के समर्थन में बोलने वाली दलित/आदिवासी इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली जेल में हैं, जबकि उन्होंने भारत का समर्थन करते हुए सिर्फ पाकिस्तान और पाकिस्तानियों के खिलाफ बोला है, किसी भी भारतीय के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। क्या शर्मिष्ठा को देश का समर्थन करने की सजा मिली है?”

वहीं तरूण जाटव नाम के एक सोशल मीडिया यूज़र ने लिखा, “कुछ मनुवादी शर्मिष्ठा का साथ देने के बजाय आंबेडकरवादियो को गाली दे रहे हैं बल्कि सच्चाई यह है कि ब्राह्मण ममता बनर्जी एक ST लड़की को अपनी गंदी राजनीति का शिकार बना रही है ताकि मुस्लिम वोट बैंक को खुश कर सकें। हम अंबेडकरवादी शर्मिष्ठा के साथ हैं। वक्त खराब हो सकता है लेकिन मुसीबत में हम साथ नहीं छोड़ते यही अंबेडकरवादियों की पहचान है। सेक्युलर हिंदू सेक्युलर नहीं बल्कि स्वार्थी है।“

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