भाटला सामाजिक बहिष्कार प्रकरण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार..

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25 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच  भाटला सामाजिक बहिष्कार प्रकरण के मामले में हरियाणा सरकार के नकारात्मक रवैए से नाराज नजर आई तथा हरियाणा सरकार के वकील को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच टीम के बार-बार अनुरोध के बावजूद भी हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव जांच टीम को जांच के लिए समुचित संसाधन व सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं । बेंच ने कहा कि हरियाणा सरकार की मंशा इस मामले में टीम का सहयोग करने की नहीं लग रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार के वकील को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विशेष जांच टीम को भाटला सामाजिक बहिष्कार प्रकरण में जांच के लिए जरूरी संसाधन व सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराए गए तथा उनका सहयोग नहीं किया गया तो इसे अदालत की अवमानना समझा जाएगा । अदालत हरियाणा के मुख्य सचिव को तलब करेगी और उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई चलाई जाएगी।

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सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद हरियाणा सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि विशेष जांच टीम को हर तरह का सहयोग दिया जाएगा तथा उन्हें जांच के संबंध में यात्राएं तथा ठहराव वगैरह के लिए समुचित संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।  पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के दो पूर्व पुलिस महानिदेशकों के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम का गठन कर मामले की पुनः जांच के आदेश दिए थे तथा टीम को निर्देश दिए थे कि इस मामले में पूरे प्रकरण की पुनः जांच कर तीन माह में कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश करें। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को भी आदेश दिए थे कि इस मामले में विशेष जांच टीम को यात्रा, ठहराव अन्य सभी साधन सहित हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई जाए।

परंतु जांच टीम द्वारा बार-बार हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखे जाने के बावजूद भी हरियाणा सरकार द्वारा विशेष जांच टीम के अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं की गई तथा ना ही उनके पत्रों के जवाब दिए गए जिसके चलते पीड़ित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार के खिलाफ एक अन्य याचिका दायर की गई, जिसमें हरियाणा सरकार पर आरोप लगाए की हरियाणा सरकार इस मामले में जानबूझकर विशेष जांच टीम का सहयोग नहीं कर रही है तथा उन्हें जांच के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं करा रही है।

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छह सप्ताह के बाद इस मामले की पुन सुनवाई होगी तथा इस दौरान जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने रख सकती है। बताते चलें कि 2017 में हरियाणा के जिला हिसार के भाटला गांव  में नलके पर पानी भरने को लेकर सवर्ण समुदाय के युवकों ने दलित समुदाय के युवकों को चोटें मारी थी तथा उन्हें जातिसूचक गालियां दी थी। इस मामले में दर्ज मुकदमे में समझौता न करने पर गांव के सवर्ण समाज की भाईचारा कमेटी ने गांव के दलित समाज का मुनादी करवा कर सामाजिक बहिष्कार कर दिया था।

 

लेखक: रजत कल्सन अधिवक्ता 

(पंजाब एण्ड हरियाणा हाई  कोर्ट चण्डीगढ)

 

 

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