दलित होना है गुनाह! कुर्सी पर बैठने पर पुलिस ने उठाया, अपमान न सह सका तो दी जान

Share News:

“मुझे सिर्फ दलित होने की सजा दी गई है। मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता।” और दलित ने दी जान. दरअसल, एक दलित रामलीला देखने के दौरान कुर्सी पर बैठने की ‘जुर्रत’ कर बैठा। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने सरेआम उसका अपमान किया और उसे कुर्सी से उठा दिया। ये अपमान वो सहन नहीं कर सका, और उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

UP News: उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना न सिर्फ दलित समाज के साथ होने वाले भेदभाव की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि समाज में व्याप्त जातिवादी मानसिकता पर भी सवाल खड़े करती है। एक दलित व्यक्ति, रमेश चंद, सिर्फ इस वजह से आत्महत्या करने पर मजबूर हो गया क्योंकि वह रामलीला देखने के दौरान कुर्सी पर बैठने की ‘जुर्रत’ कर बैठा। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने सरेआम उसका अपमान किया और उसे कुर्सी से उठा दिया। यह अपमान रमेश सहन नहीं कर सका, और उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

घटना का विवरण

कासगंज जिले के एक गांव में रामलीला का आयोजन हो रहा था। इस आयोजन में रमेश चंद, जो कि दलित समुदाय से था, रामलीला देखने गया था। वह अन्य दर्शकों की तरह ही एक कुर्सी पर बैठ गया, लेकिन उसके इस सामान्य से कार्य को पुलिसकर्मियों ने अपमानजनक तरीके से रोका। वहां मौजूद हेड कांस्टेबल बहादुर सिंह और विक्रम सिंह ने रमेश को न सिर्फ कुर्सी से उठाया, बल्कि उसके साथ गाली-गलौज और मारपीट भी की। गांव के लोगों के सामने हुए इस अपमान से रमेश अंदर तक टूट गया था। उसने घर लौटकर अपनी पत्नी को पूरी घटना बताई और फिर अपने कमरे में जाकर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

इसे देखें : हैवानियत की हदें की पार: मजदूरी मांगने पर दलित के मुंह पर थूका और पेशाब तक किया

रमेश की पत्नी की शिकायत

रमेश की पत्नी ने थाने में पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उसकी शिकायत में बताया गया है कि रमेश उस अपमान को सहन नहीं कर सका, जो उसे पुलिसकर्मियों द्वारा सिर्फ इस कारण से झेलना पड़ा क्योंकि वह दलित था। उसने कहा, “रमेश ने मुझसे कहा कि मुझे सिर्फ दलित होने की सजा दी गई है। मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता।” यह शब्द इस बात को दर्शाते हैं कि समाज में आज भी जातिवादी भेदभाव किस हद तक व्याप्त है।

पुलिस का बयान

कासगंज के एएसपी ने इस घटना पर सफाई देते हुए कहा कि रमेश चंद शराब के नशे में था और वह मंच पर जाकर बैठ गया था, जहां सिर्फ आयोजकों के लिए कुर्सियां लगाई गई थीं। आयोजकों और दर्शकों की शिकायत पर पुलिसकर्मियों ने उसे वहां से हटाया। हालांकि, पुलिस का यह बयान इस बात को नजरअंदाज करता है कि रमेश के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, वह न केवल अमानवीय था, बल्कि उसकी गरिमा के खिलाफ भी था।

जातिवाद की गहरी जड़ें

यह घटना इस बात की पुष्टि करती है कि भारत में जातिगत भेदभाव आज भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। कानून के बावजूद, दलित समाज के लोगों को आज भी समाज में दोयम दर्जे का नागरिक समझा जाता है। रमेश चंद की मौत एक बार फिर इस कड़वी सच्चाई को सामने लाती है कि सामाजिक स्तर पर दलित समुदाय के प्रति सम्मान और बराबरी का व्यवहार आज भी केवल एक आदर्श है, जिसे हकीकत में बदलने के लिए बहुत संघर्ष की आवश्यकता है।

न्याय की मांग

रमेश की पत्नी और उसके परिवार ने इस घटना की पूरी जांच और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि रमेश की मौत सिर्फ एक आत्महत्या नहीं है, बल्कि यह एक हत्या है, जिसे समाज की जातिवादी सोच और पुलिसकर्मियों के अपमानजनक व्यवहार ने अंजाम दिया है। दलित समुदाय के लोगों ने भी इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए हैं और रमेश को न्याय दिलाने की मांग की है।

इसे देखें : दलित युवक को लात-घूंसों से पीटा, फिर चेहरे पर किया पेशाब, वीडियो वायरल

समाज की जिम्मेदारी

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारे समाज में वाकई समानता है? क्या संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों का लाभ हर व्यक्ति को मिल रहा है? रमेश चंद की मौत उन हजारों दलितों की दुर्दशा का प्रतीक है, जो रोजाना जातिवादी अत्याचार का सामना करते हैं। अगर हम एक समानता और न्याय पर आधारित समाज की कल्पना करते हैं, तो हमें इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लेना होगा और इसे खत्म करने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे।

रमेश की मौत सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं है, यह उस समुदाय की आवाज है जिसे आज भी सम्मान और गरिमा से वंचित रखा जा रहा है। उसकी मौत समाज के लिए एक चेतावनी है कि अगर अब भी जातिवाद के खिलाफ कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसे कई और ‘रमेश’ जातिवादी अत्याचारों का शिकार होते रहेंगे।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

error: Content is protected !!