लोकसभा में चंद्रशेखर आज़ाद की दो टूक कहा, “संसद में कहने आए हैं और सुनना पड़ेगा सबको”

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तपाक से चंद्रशेखर आज़ाद ने प्रोटेम स्पीकर से हाथ मिलाते हुए सत्ता पक्ष को जवाब दिया और कहा कि “बिल्कुल देंगे सर, इसलिए आए हैं यहां।” यही नहीं चंद्रशेखर ने आगे सीढ़ियों से उतरते हुए कहा कि, “कहने आएं हैं और सुनना पड़ेगा सबको”

 

नई दिल्ली।

लेखक : अन्नू यादव
एडिटर : सुषमा तोमर

सांसद बनने के बाद चंद्रशेखर आज़ाद लगातार अपनी बातों से लोगों को चौकाते जा रहे हैं। जिसका हालिया उदाहरण उनका शपथ ग्रहण और स्पीकर पद के चुनाव पर उनकी वो बात है ईओ उन्होंने संसद में ओम बिरला को संबोधित करते हुए कही। बता दें कि 26 जून को लोकसभा स्पीकर पद का चुनाव हुआ जिसमें ओम बिरला को दूसरी बार स्पीकर चुना गया है। इस दौरान चंद्रशेखर ने संसद में उन्हें बधाई देते हुए कहा कि, “मैं अपने समाज की आज़ाद आवाज़ हूँ मुझे आपका संरक्षण चाहिए, हमारे लोग बहुत बुरी हालत में हैं अगर हमें बोलने का मौका नहीं मिला तो हम अपनी बात नहीं रख पाएंगे।”

चंद्रशेखर की शपथ :

एक दिन पहले 25 जून 2024 को चंद्रशेखर आजाद ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली थी। यह दिन उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसने उनके राजनीतिक करियर को एक नई ऊँचाई पर पहुंचाया। बता दें कि भीम आर्मी चीफ और आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार रहे चंद्रशेखर आजाद नगीना सीट से डेढ़ लाख वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। मंगलवार को लोकसभा का सदस्य के तौर पर उन्होंने शपथ लेते वक्त कहा,

“मैं चंद्रशेखर जो लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हुआ हूं सत्य निष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारतीय संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण रखूंगा तथा जिस पद को मैं ग्रहण करने वाला हूं तथा उसे पद के कर्तव्य का श्रद्धा पूर्वक निर्वहन करुंगा। जय भीम, जय संविधान, जय मंडल, जय जोहार, जय जवान, जय किसान ,भारतीय संविधान जिंदाबाद भारतीय लोकतंत्र जिंदाबाद, भारत की महान जनता जिंदाबाद।”

कहने आएं हैं और सबको सुन्ना पड़ेगा :

चंद्रशेखर आज़ाद के शपथ लेने के बाद सत्ता पक्ष की तरफ से एक आवाज़ आई और कहा गया कि पूरा भाषण देकर जाओगे क्या ? इस पर तपाक से चंद्रशेखर आज़ाद ने प्रोटेम स्पीकर से हाथ मिलाते हुए सत्ता पक्ष को जवाब दिया और कहा कि “बिल्कुल देंगे सर, इसलिए आए हैं यहां।” यही नहीं चंद्रशेखर ने आगे सीढ़ियों से उतरते हुए कहा कि, “कहने आएं हैं और सुनना पड़ेगा सबको”

अखिलेश यादव से मुलाकात

शपथ ग्रहण के बाद चंद्रशेखर आजाद ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से हाथ मिलाया। यह दृश्य काफी चर्चा में रहा, क्योंकि दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बावजूद एक-दूसरे के प्रति सम्मान दिखा। इस घटना ने संसद में एक सकारात्मक संदेश भेजा ।

मीडिया से बातचीत

बाहर आकर मीडिया से बातचीत करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा, “यह मेरे लिए गर्व का क्षण है। मैं अपने क्षेत्र के लोगों का धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मुझे यह अवसर दिया। मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। “उन्होंने आगे कहा,”मेरी प्राथमिकता शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दों को हल करना है। मैं संसद में इन मुद्दों को उठाने और सरकार से इन्हें हल करने की मांग करने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।”

बहुजन महापुरुषों का सपना अभी अधूरा है। इस देश में आज भी बंधुत्व ,भाईचारा नहीं आया है, जाति धर्म के नाम पर अत्याचार होता है, अभी भी रोटी कपड़ा मकान की व्यवस्था सभी लोगों के लिए नहीं है। बहुत सारे लोग सड़कों पर सोते हैं भूखे सोते हैं कोई पूछने वाला नहीं है। अस्पतालों में सही इलाज न मिलने की वजह से उनकी जान जाती है। आज भी जातिवाद की वजह से उन्हें बहुत सारी तकलीफ से गुजरना पड़ता है । इस देश में हमारी हैसियत क्या है यह जवाब मांगने के लिए हम यहां आए हैं। हम इसीलिए हैं आए हैं ताकि लोगों की जिंदगी में खुशहाली ला सके।

सरकार अहंकारी नहीं होनी चाहिए :

मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने अपने चुनावी क्षेत्र नगीना के बारे में बताते हुए कहा कि, मैं जिस जगह से चुनाव लड़ रहा था मैंने अपने क्षेत्र में देखा कि लोगों के सर के ऊपर छत नहीं है खाने के लिए रोटी नहीं है, हमें यहां लड़ाई लड़नी है अपने लोगों के लिए, अपने हक के लिए और अगर सरकार हमें हमारा हक नहीं देती है तो हम उसका विरोध करेंगे। उन्होंने यह बताया कि मैं संविधान की तरफ से खड़ा हूं मुझे जब-जब बोलने का अवसर प्राप्त होगा मैं बोलूंगा और हम लोगों में जागरुकता लाएगे ताकि सत्ता पर बैठी सरकार कभी अहंकारी ना हो सके।

लोकसभा में एक नई शुरुआत :

चंद्रशेखर आजाद की जीत और उनका लोकसभा में प्रवेश एक नई शुरुआत है। उनकी प्रतिबद्धता और मेहनत उनके क्षेत्र के लोगों के लिए एक नई आशा की किरण है। उनके समर्थक और सहयोगी उनके आगे के कदमों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, यह विश्वास करते हुए कि वे देश और समाज की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

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