राजस्थान और यूपी दोनों जगह पीएम मोदी के मुस्लिमों पर दिए गए बयान बिल्कुल अलग हैं। यहाँ आप ये बात कह सकते हैं कि इतनी जल्दी तो गिरगिट भी रंग नहीं बदलता जितनी जल्दी मुस्लिमों को लेकर पीएम मोदी रंग बदल लेते हैं।
कहा जाता है झूठ को जितना ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाओगे लोग उसे उतना ही सच मान लेते हैं। और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार इस तरह की बयान बाज़ी 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान कर रहे हैं। ऐसा सिर्फ हम नहीं बल्कि सभी मीडिया रिपोर्ट्स कह रही है। ऐसा ही एक मामला अब तूल पकड़ने लगा है। दरअसल रविवार 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के घोषणा पत्र, मुसलमान और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर झूठा और नफ़रत भरा बयान दिया है। इस रैली की वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हुई है। पहले ये जान लीजिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में क्या कहा फिर बात उनके भाषण के पोस्टमार्टम की करते हैं।
चुनावों में हिन्दू मुस्लिम कर रहे प्रधानमंत्री :
राजस्थान के बांसवाड़ा में पीएम मोदी ने कहा, “पहले जब उनकी (कांग्रेस) सरकार थी, उन्होंने कहा था की देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठी करके किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे। घुसपैठियों को बांटेंगे। आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? क्या आपको ये मंजूर है?” पीएम मोदी यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कांग्रेस के घोषणा पत्र पर भी बयान दिया। कहा कि “ये अर्बन नक्सल वाली सोच। मेरी माताओ- बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। इस हद तक चले जाएंगे।” उन्होंने कहा, “ये कांग्रेस का घोषणापत्र कह रहा है कि वे माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांट देंगे और उनको बांटेंगे जिनके बारे में मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।”
अब पीएम मोदी पर आरोप है कि वह चुनावों में हिंदू-मुस्लिम कर रहे हैं। पहले चरण के चुनावों के बाद बीजेपी बौखला गयी है। विशेष कर राजस्थान में क्योंकि इस बार पहले चरण के चुनाव में राजस्थान की जितनी सीटों पर चुनाव हुआ वहां मतदान प्रतिशत पहले की तुलना में कम है। यह आरोप कांग्रेस की तरफ से लगाए गए हैं। पीएम मोदी को अपनी हार दिखाई दे रही है इसलिए वह चुनावों को पूरी तरह हिंदू-मुस्लिम में बांट देना चाहते हैं।
झूठ बोल रहे हैं पीएम मोदी :
कल पीएम मोदी के इस बयान के बाद दी लल्लनटॉप ने पीएम के बयान का पोस्टमार्टम किया। और बताया कि दिसंबर 2006 के मनमोहन सिंह के जिस बयान को वह तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं वैसा बयान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नहीं दिया था। मनमोहन सिंह ने कहा था कि, “मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं। कृषि, सिंचाई और जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश, और सामान्य बुनियादी ढांचे की आवश्यक सार्वजनिक निवेश आवश्यकताओं के साथ-साथ एससी/एसटी, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए कार्यक्रम। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए योजनाओं की आवश्यकता होगी। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाएं बनानी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों में विकास का फल समान रूप से साझा करने का अधिकार मिले। संसाधनों पर पहला दावा उनका होना चाहिए।”
उस वक्त पीएमओ द्वारा दिए गए बयान के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने Sc, St और अल्पसंख्यक विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों के संसाधनों पर पहला दावा होने की बात कही थी जिसे बीजेपी ने सिर्फ मुस्लिम तक सीमित कर दिया। पीएम मोदी देश की जनता को यह बता रहे है कि ज्यादा बच्चों वाले मुस्लिमों को मनमोहन सरकार देश की सारी संपत्ति दे देना चाहती थी।
चुनाव आयोग शांत क्यों है ?
बांसवाड़ा के बाद आज पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में रैली की जहाँ उन्होंने मुस्लिमों को अपना भाई-बहन बताया। कहा, कि वह पूरी कोशिश कर रहें हैं कि भारत से बड़ी संख्या में मुस्लिम बहने सऊदी अरब जाए और हज करें। राजस्थान और यूपी दोनों जगह पीएम मोदी के मुस्लिमों पर दिए गए बयान बिल्कुल अलग हैं। यहाँ आप ये बात कह सकते हैं कि इतनी जल्दी तो गिरगिट भी रंग नहीं बदलता जितनी जल्दी मुस्लिमों को लेकर पीएम मोदी रंग बदल लेते हैं। बहरहाल मुद्दा ये हैं कि चुनाव आयोग किस बिल में समय बर्बाद कर रहा है। पीएम मोदी के बयानों में झूठ हैं, फरेब है, नफरत है और एक विशेष समुदाय को लेकर घृणा साफ दिख रही है। 400 पार का नारा देने वाले पीएम मोदी किस बात से डरे हैं कि पूरे चुनावों को हिंदू-मुस्लिम में बांट देना चाहते हैं। और चुनाव आयोग ना तो उन्हें वार्निंग दे रहा है और ना ही उनके भाषणों पर रोक लगा रहा है।
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